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झारखंड में मिड डे मील में प्याज, लहसुन, अंडा बंद, केंद्रीकृत किचन व्यवस्था पर उठे सवाल

डाउन टू अर्थ, 20 दिसम्बर  झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चार प्रखंडों के सभी सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) के लिए लागू केंद्रीकृत किचन व्यवस्था फेल रही है। स्कूली बच्चे इस व्यवस्था से त्रस्त हो गए हैं और पुरानी मध्याह्न भोजन व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने...

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डीएपी के साथ किसानों पर जबरन अन्य दवाइयां खरीदने का दबाव बना रहे डीलर!

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  खाद और कीटनाशक बेचने वाले व्यापारी किसानों को जरुरी उत्पादों के साथ-साथ गैर जरुरी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करके उन्हें लूट रहे हैं. इन दिनों गेहूं की बुआई चल रही है, जिसके लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है. हालाँकि, जब किसान डीएपी खरीदने के लिए डीलर के पास जाते हैं, तो उन्हें अन्य उत्पाद जैसे नैनो-यूरिया, जिंक और सल्फर आदि खरीदने के लिए मजबूर किया...

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खेती पर आपदाओं की गाज से किसानों पर सालाना पड़ रही है 10.2 लाख करोड़ रुपए की मार

डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर  खेती-किसानी आसान नहीं और ऐसे में जब साल दर साल आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है तो इसे करना महंगा सौदा बनता जा रहा है। खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इन आपदाएं के चलते दुनिया भर के किसानों पर हर साल 10.2 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) से ज्यादा की मार पड़ रही है। जो वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र...

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इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन

डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर  क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...

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जलवायु और खाद्य सुरक्षा के लिए भोजन की हानि और बर्बादी से निपटना

मोंगाबे हिंदी, 24 नवम्बर  भले ही भोजन की हानि और बर्बादी को कम करके खाद्य सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। नेचर फूड में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से यह बात निकलकर सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है कि बर्बादी और हानि को कम करने से भोजन की लागत में कमी आएगी, जिससे यह सस्ता और आसानी उपलब्ध...

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