गाँव कनेक्शन, 09 नवम्बर दस बीघा जमीन उन्होंने लीज पर ली थी। लेकिन आज जब उनकी फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है, तो उसको बर्बाद होते हुए देखना 28 साल के श्रीकृष्ण रावत के लिए आसान नहीं है। वह इस नुकसान से काफी परेशान और दुखी हैं। "मैंने इस दस बीघा जमीन पर धान की खेती में अब तक 60,000 रुपये खर्च कर दिए थे। यह मेरी जमीन नहीं थी,...
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गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »39.44 लाख करोड़ के बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं
-रूरल वॉइस, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 39.44 लाख करोड़ के बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं, इंडस्ट्री के लिए भी प्रावधान थोड़े वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को पेश किए गए वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इनकम टैक्स दर या स्लैब से संबंधित प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया है। महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम को देखते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50,000 रुपये से...
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