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महिला आरक्षण पर हो गंभीर चर्चा - डॉ. एके वर्मा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के लिए पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मुद्दे को एक बार फिर राष्ट्रीय विमर्श के केंद्र में लाने की कोशिश की है। इस विधेयक को राज्यसभा मार्च 2010 में पारित कर चुकी है, लेकिन लोकसभा से पारित होने की नौबत नहीं आ रही है। सोनिया गांधी के अनुसार मोदी को अपने दलीय बहुमत...

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महिला सुरक्षा की चुनौतियां-- शैलेन्द्र चौहान

देश को हिला देने वाले 16 दिसंबर 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा है। इस गैंगरेप के चार दोषियों को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी। दोषियों की अपील...

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आधी आबादी के बिना कैसे पूरा हो विकास का सपना

गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...

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पंचायती राज से विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए-- नरेन्द्र सिंह तोमर

पंचायती राज व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक विशिष्ट स्वरूप है। हमारे यहां पंच-परमेश्वर की अवधारणा रही है और हमारी संस्कृति में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। औपनिवेशिक शासन ने हालांकि इस पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास की जमीन तैयार हुई। 24 अप्रैल को यह ऐतिहासिक संविधान संशोधन लागू हुआ...

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यह हिंसा विकास को रोकती है-- जयति घोष

भारतीय समाज में औरतों के खिलाफ जारी, बल्कि बढ़ती हुई हिंसा को लेकर चिंतित और भयभीत होने की कई सारी वजहें हैं। निस्संदेह, यह कोई नया लक्षण नहीं है, क्योंकि ऐसी हिंसा भारतीय समाज में ढांचागत और स्थानीय, दोनों रूपों में हमेशा से मौजूद रही है। हमें इस तरह की दलील भी सुनने को मिलती है कि इन दिनों ऐसी अनेक घटनाएं हमें इसलिए सुनने को मिल रही हैं, क्योंकि...

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