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गुजरात ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के बजट में की 71 फीसदी की कटौती

डाउन टू अर्थ, 19 जून हाल ही में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट और डाउन टू अर्थ द्वारा जारी रिपोर्ट “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट इन फिगर्स 2023” में गुजरात को लेकर चिंताजनक आंकड़े जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक गुजरात ने 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं के लिए जारी अपने बजट में 71 फीसदी की कटौती की है। गौरतलब है कि गुजरात पर आज यानी 15 जून, 2023 को अत्यंत गंभीर श्रेणी...

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बिपरजॉय के खतरे झेल रहे भारत और पाकिस्तान को जलवायु तबाही से निपटने के लिए हर हाल में मिलजुल कर काम करना चाहिए

द थर्ड पोल, 14 जून  भारत में गुजरात और पाकिस्तान में सिंध, दोनों जगहों पर, इस समय, वहां के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इसकी वजह है, चक्रवात बिपरजॉय। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को, वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। अलर्ट जारी है। चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए आश्रयों को चिह्नित किया जा रहा है। दरअसल, जलवायु परिवर्तन के लिहाज़ से...

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जलवायु हॉटस्पॉट: चक्रवातों की बढ़ती संख्या और हीट वेव्स कर रहा कच्छ के लोगों के जीवन को प्रभावित

इंडियास्पेंड, 01 जून जींस-टीशर्ट पहने और पतली मूंछ रखने वाले उमेश बारिया अब भी एक कॉलेज जाने वाले विद्यार्थी की तरह लगते हैं, लेकिन वह वास्तव में कच्छ के जखाऊ बंदरगाह पर मछलियां पकड़ते हैं। उनका परिवार पारंपरिक रूप से यही काम करता है। उमेश बचपन से ही अपने परिवार की इस काम में सहायता करते थे और अब वह ख़ुद एक नाव के मालिक हैं। 25 साल के उमेश बताते हैं,...

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सुपर साइक्लोन मोका ने म्यांमार में मचाई तबाही, बांग्लादेश को बख्शा

कार्बनकॉपी, 15 मई सुपर साइक्लोन ‘मोका’ रविवार को म्यांमार और बांग्लादेश के तटों से टकराया। लैंडफॉल से पहले यह कटैगरी-5 के तूफान जितना तेज हो गया था। बताया जा रहा है कि यह इस साल धरती पर अब तक का सबसे तेज चक्रवात रहा है। हालांकि, तटों से टकराने के कुछ घंटों बाद यह कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया। चक्रवात के कारण म्यांमार की दक्षिण-पूर्वी तटरेखाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है और निचले...

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दुनिया भर की जलवायु पर असर डाल रहा है तिब्बती पठार की मिट्टी का तापमान

डाउन टू अर्थ, 05 मई मौसम का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। प्राकृतिक प्रणालियां इतनी जटिल हैं कि, सबसे उन्नत तकनीक से भी मौसम विज्ञानी 10 दिनों से अधिक का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते हैं। इसलिए भविष्य में महीनों और ऋतुओं के बारे में पूर्वानुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है। फिर भी यह जलवायु विज्ञान के बढ़ते क्षेत्र पर गौर करते है जो 1980 के दशक में गंभीरता से शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत...

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