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गन्ने की 72 करोड़ बकाया पेमेंट के लिए सड़कों पर उतरे पंजाब के दोआबे के किसान

गांव सवेरा, 13 अगस्त पंजाब के जालंधर-लुधियाना नेशनल हाइवे पर गन्ने की बकाया पेमेंट न मिलने के कारण पिछले पांच दिन से आंदोलित किसानों ने हाइवे को दोनों तरफ से जाम कर दिया है. किसानों ने एक चीनी मिल द्वारा अपने बकाया 72 करोड़ रुपये के भुगतान में देरी का विरोध करते हुए 8 अगस्त को जालंधर-लुधियाना नेशनल हाइवे पर आंदोलन शुरू किया था. किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के बैनर...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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अपने बच्चों को मोटापे और रोगों से मुक्त रखने के लिए पैकेट पर ‘चेतावनी लेबल’ की मांग उठानी होगी!

-जनपथ, बच्चों में बढ़ते मोटापे और उसकी वजह से वयस्क होने पर उनमें असंचारी बीमारियों (NCD) का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। इससे भारतीय माता-पिता बेहद चिंतित हैं। इसको लेकर अब वह चाहते हैं कि प्रोसेस्ड (प्रसंस्कृत) खाद्य पदार्थों के नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा कड़े नियम बनाए जाने चाहिए। वसा, चीनी और नमक का ज्यादा मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ज्यादातर पैकेटबन्द खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त कैलोरी...

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यूपी चुनाव: मीठे चुनावी वादे और गन्‍ना किसानों की कड़वी सच्‍चाई

-इंडिया स्पेंड, उत्तर प्रदेश चुनाव में गन्‍ना किसानों के भुगतान का मुद्दा फिर उठ रहा है। एक ओर मौजूदा सरकार रिकॉर्ड भुगतान के दावे कर रही है। वहीं, व‍िपक्ष के नेता भुगतान में देरी की बात करते हुए सरकार बनने पर 15 द‍िन के अंदर भुगतान की बात कर रहे हैं। इन तमाम दावों और वादों से इतर किसान अपने गन्‍ने के पेमेंट की बाट जोह रहा है। उत्‍तर प्रदेश के पीलीभीत ज‍िले के किसान मनजीत...

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ऐसी MSP योजना जो खेती का उद्धार करे

-गांव सवेरा, किसानों का संघर्ष जारी है। यह राजनीतिक सत्ता हासिल करने का संघर्ष नहीं है। यह संघर्ष है भारत की खेती और खेतिहर आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका और रहन सहन को बेहतर करने का जो देश के ज्यादातर हिस्सों में बहुत ही बुरी दशा में है। इसलिए यह निहायत जरूरी हो गया है कि इस शांतिमय जनांदोलन को एक नई दिशा दी जाए ताकि छोटी खेती किसानी...

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