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बजट 2023: अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं में भारी कटौती, मंत्रालय का आवंटन 38 फीसदी घटाया गया

द वायर, 3 फरवरी वित्त वर्ष 2023-24 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के बजट में बीते वित्त वर्ष (2022-23) के मुकाबले 38 फीसदी की कटौती की गई है. द हिंदू के मुताबिक, कई छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाओं के फंड में बड़ी कटौती की गई है, इनमें अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए पेशेवर और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति भी शामिल है. इस साल योजनाओं को 44 करोड़ रुपये...

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सतही शिक्षा व्‍यवस्‍था और श‍िक्षकों की कमी: देश में बढ़ते कोचिंग कल्चर की असल वजह?

इंडियास्पेंड, 27 जनवरी शीतलहर के चलते उत्तर भारत के स्कूलों की समय सारणी में बदलाव किए गए हैं। लेक‍िन 12 वर्षीय आयुष यादव कड़ाके की ठण्ड में सुबह लगभग 8 बजे काले रंग का बैग कंधे पर टांगे मम्मी-पापा को बाय बोल ई-रिक्शॉ पर बैठ कोचिंग क्लास के लिए निकल जाते हैं, फ‍िर वहां से सीधे स्‍कूल। प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करने वाले आयुष के पिता शिव शंकर यादव, 36, कहते...

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एक चौथाई स्कूलों में बच्चों के लिए पीने के पानी की सुविधा नहीं: एन्युअल एजुकेशन रिपोर्ट

द वायर, 22 जनवरी देश में स्कूलों में शौचालय, पेयजल, मिड-डे मील, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, बिजली कनेक्शन जैसे शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में सुधार की रफ्तार बेहद मामूली है और अभी भी एक चौथाई (23.9 प्रतिशत) स्कूलों में पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है. साथ ही लगभग एक चौथाई स्कूलों (23.6 प्रतिशत) में विद्यार्थी शौचालय की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. स्कूलों के हालात को...

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सुरक्षा की आड़ में महिला छात्राओं पर प्रतिबंध लगाना ‘पितृसत्ता’ है: केरल हाईकोर्ट

द वायर, 01 दिसंबर केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के महिला छात्रावास में कर्फ्यू पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सुरक्षा की आड़ में इस तरह के प्रतिबंध और कुछ नहीं बल्कि पितृसत्ता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अदालत ने कहा कि पितृसत्ता के सभी रूपों, यहां तक कि वे भी जो लिंग के आधार पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए हैं, से असहमति व्यक्त की जानी चाहिए. अदालत...

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फिर शुरू हो सकता है किसान आंदोलन! राज्यों की राजधानियों में जुटे किसान

गाँव सवेरा, 30 नवम्बर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर, आज मजदूरों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और आम लोगों के समर्थन के साथ किसानों ने बड़े मार्च और रैलियां निकाली। अभी तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस प्रेस विज्ञप्ति के जारी होने तक, 25 राज्यों की राजधानियों, 300 से अधिक जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों पर विरोध सभाएँ आयोजित की गईं। कुल मिलाकर, यह अनुमान है कि पूरे भारत में 3000...

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