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और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास

डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल भारत में लगभग 24 लाख जल स्रोत हैं। यह निष्कर्ष देश के पहले जल निकाय गणना (वाटर बॉडी सेंसस) में सामने आया है। इन जल स्रोतों में बारिश और भूजल-पुनर्भरण किए जाने वाले जल स्रोत दोनों ही शामिल हैं। केन्द्रीय जलशक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के द्वारा की गई इस गणना ने सभी जल स्रोतों की जियो-टैगिंग करते हुए छाया चित्रों और अक्षांश और देशांतर के आधार...

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आपदाओं से जूझ रहे हिमालय में तापमान बढ़ने से बिगड़ेंगे हालात, आईपीसीसी की चेतावनी

द थर्ड पोल , 27 मार्च दुनिया के बड़े जलवायु वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट का आख़िरी भाग, आईपीसीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, जारी कर दिया है। इसमें क्लाइमेट क्राइसिस यानी जलवायु संकट को लेकर “फाइनल वार्निंग” है। हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि अगर पहाड़ और हिमनद यानी ग्लेशियर और ज़्यादा गर्म होते...

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आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के छह प्रमुख संदेश: 1.5 डिग्री सेल्सियस पर अंतिम चेतावनी जारी

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने आज यानी 20 मार्च 2023 को अपनी नवीनतम संश्लेषण रिपोर्ट (एसवाईआर) जारी कर दी है। यह रिपोर्ट इससे पहले आईपीसीसी द्वारा जलवायु में होते बदलावों पर जारी की गई छह रिपोर्टों के निष्कर्षों का सार प्रस्तुत करती है, जो छठे मूल्यांकन का हिस्सा है। इस कड़ी में पहली रिपोर्ट 2018 में तापमान पर होती डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि...

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जलवायु संकट: कई भारतीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बना समुद्र का बढ़ता जलस्तर

डाउन टू अर्थ , 13 मार्च जलवायु में आते बदलावों के चलते जिस तरह समुद्र के जलस्तर में वृद्धि हो रही है वो भारत के कई बड़े शहरों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे में इस आपदा से बचने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। इस बारे में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर के चलते सदी के अंत तक चेन्नई...

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जलवायु परिवर्तन का पहला शिकार हो रहे हैं किसान

डाउन टू अर्थ, 28 फरवरी अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चरम अथवा अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं से किसानों की आय को नुकसान पहुंचता है। जलवायु परिवर्तन से होने वाली इस आर्थिक क्षति को व्यापक स्वीकार्यता मिल चुकी है। किसान ही जलवायु परिवर्तन को सबसे पहले महसूस करता है जो अंतत: समग्र किसी उत्पादन को प्रभावित करता है और खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ाने में योगदान देता है। खाद्य पदार्थों की...

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