SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 277

ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन

डाउन टू अर्थ, 28 जुलाई दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) पृथ्वी का सबसे अहम सालभर होने वाला जलवायु उतार-चढ़ाव है। गर्म अल नीनो और ठंडे ला नीना चरणों के बीच अनियमित रूप से बदलाव करते हुए, यह समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव लाता है और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हवा और वर्षा के पैटर्न में गड़बड़ी पैदा करता है। अल नीनो के विपरीत, जो आम तौर पर एक वर्ष तक रहता है, ला...

More »

वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन से शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में मिलेगी मदद: सरकार

डाउन टू अर्थ, 24 जुलाई  केंद्र सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने और उसमें प्रस्तावना को जोड़ने के लिए शुद्ध शून्य उत्सर्जन को आधार बनाया है। केंद्र सरकार के अनुसार उसका लक्ष्य वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव करके शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करना है। गौरतलब है कि इस वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के मौजूदा माॅनसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए पेश किया...

More »

ठाणे में बढ़ते शहरीकरण के साथ बढ़ा बाढ़ का खतरा, 2050 तक 56 फीसदी बढ़ जाएगा शहरी जंगल

डाउन टू अर्थ, 20 जून   ठाणे में बढ़ता शहरीकरण अपने साथ नई समस्याएं भी साथ ला रहा है। इस बारे में मुंबई के वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि ठाणे में बढ़ते शहरी जंगल और मौसम की चरम घटनाओं के चलते बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। अध्ययन के नतीजे जर्नल ऑफ इंटीग्रेटेड डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट में प्रकाशित हुए हैं।  शोधकर्ताओं के...

More »

धरती के 40 प्रतिशत जंगलों के जलने व कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं 88 बड़े उद्योग, जानें कैसे?

डाउन टू अर्थ, 24 मई एक शोध के मुताबिक, पिछले 40 सालों में पश्चिमी अमेरिका और दक्षिण-पश्चिमी कनाडा में जंगल की आग से जले हुए लगभग 40 प्रतिशत जंगली इलाकों के लिए दुनिया के 88 सबसे बड़े उद्योग जिम्मेवार है। इन उद्योगों को जीवाश्म ईंधन और सीमेंट निर्माण से जुड़े कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। शोध में कहा गया है कि, तेल और गैस कंपनियां जलवायु परिवर्तन...

More »

जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश

 मोंगाबे हिंदी , 28 अप्रैल जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट) में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट को क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई/XDI) ने तैयार किया है। यह संगठन भौतिक जलवायु जोखिम के विश्लेषण में माहिर हैं। इसने दुनिया भर में 2,600...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close