प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावोस में विश्व के निवेशकों को बताया था कि भारत में व्यापार करना अब आसान हो गया है। उन्होंने इस बात के प्रमाण में विश्व बैंक द्वारा ‘व्यापार करने की सुगमता' अथवा ‘इज ऑफ़ डूइंग बिजिनेस' रपट का उल्लेख किया था। लेकिन व्यापार करना आसान होने के बावजूद देश में विदेशी निवेश की मात्रा बढ़ने के स्थान पर घट रही है। अप्रैल से दिसंबर, 2016 की...
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इकोनॉमिक सर्वे के क्या हैं बजट के लिए संकेत?
आर्थिक सर्वे में क्या ख़ास - --अगले साल देश की आर्थिक ग्रोथ 6.75 फ़ीसदी के मुक़ाबले 7 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है. --जीएसटी वसूली से सरकार की आय में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले साल करीब 12 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली, जो कि अन्य टैक्स के मुकाबले काफ़ी बेहतर है. --भारत में ऐसा पहली बार हुआ जब पांच राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना का भारत के कुल...
More »ठोस उपायों से ही बदलेगी तस्वीर - डॉ. भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। सरकार की आय कम हो और खर्च ज्यादा हो तो अंतर को पाटने के लिए सरकार बाजार से ऋण लेती है। इस ऋण को वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटे को अच्छा नहीं माना जाता, ठीक वैसे ही जैसे ऋण लेकर फाइव स्टार होटल में भोजन करने वाले को जिम्मेदार नहीं माना जाता है। विदेशी निवेशक सोचते हैं कि सरकार को...
More »आधार के प्रयोग को रोकना उचित नहीं-- हरिवंश
यह बौद्धिक विमर्श और संवाद अपनी जगह है, पर बिचौलियों और भ्रष्टाचार को खत्म करना आज समाज की निगाह में व्यवस्था का सबसे प्रासंगिक और जरूरी मसला नहीं है? हाल ही में एक डच दार्शनिक विचारक व इतिहासकार रटजर बर्जमैन की महत्वपूर्ण किताब आयी है, ‘यूटोपिया फॉर रिअलिस्ट्स' (ब्लूम्सबेरी). यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्टसेलर मानी गयी है. इस पुस्तक का मर्म है कि हम एक अप्रत्याशित उथल-पुथल के दौर में...
More »अरबों का टैक्स वसूला पर गरीबी दूर नहीं हुई-- प्रीतीश नंदी
इस देश में गरीब कौन है? हमें मालूम है कि उनका वजूद तो है। हम उन्हें चित्रों में देखते हैं। हम उन्हें तब देखते हैं जब कोई भीषण बाढ़ हो या भयंकर सूखे ने उनकी आजीविका छीन ली हो। सच तो यह है कि हम उन्हें तब से देख रहे हैं जब सुनील जानाह के 1943 में पड़े बंगाल के अकाल के फोटो ने दुनिया की चेतना को झकझोर दिया...
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