फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
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माफिया ने नदी पर बनाया पुल, सिंध में चल रही 7 अवैध खदान
अब्बास अहमद, भिंड। रेत माफिया पर नकेल के सारे दावे खोखले हैं। मेहगांव के खेरिया गांव में सिंध नदी से अवैघ उत्खनन के लिए ट्रक निकालने नदी पर कच्चा पुल भी बना लिया है। मेहगांव के अमायन और भारौली इलाके में करीब 7 रेत खदानें अवैध तरीके से संचालित हैं। यहां रोजाना करीब 400 ट्रक पॉकलेन मशीनों से भरकर उत्तरप्रदेश और प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजा जाता है। माफिया बेखौफ...
More »पंजाब में आतंकवाद ने 13 साल में ली 26,000 जानें, सड़क हादसे ने 39,652
चंडीगढ़. एक जमाने का समृद्ध पंजाब 13 साल तक आतंक के अंगारों पर सुलगता रहा, आज सड़कों पर तड़पता हुआ दम तोड़ रहा है। 1982 से 1995 तक चले आतंकवाद के दौर में 26,000 जिंदगियां तबाह हुई थीं, अब इससे भी ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं। पिछले 13 साल में 39,652 लोग हादसों में जान गंवा चुके हैं। यानी हर साल 13 हजार से ज्यादा लोग। ये...
More »कागजों में खदानें बंद पर रात को माफिया निकालता है रेत
बठिंडा. लोकसभा चुनाव के बाद बठिंडा, फाजिल्का और फिरोजपुर जिले में बड़े स्तर पर रेत की अवैध माइनिंग फिर शुरू हो गई है। रेत की जिन खदानों को माइनिंग अफसर कागजों में बंद दिखा रहे हैं, वे अवैध तौर पर चल रही हैं। और जो खदानें चलती दिखाई गई हैं, उनकी पर्चियों पर अवैध खदानों से रेत निकालकर लाई जा रही है। यह खुलासा मंगलवार को पकड़े गए रेत से...
More »जंगल के असल दावेदार- विनय सुल्तान
जनसत्ता 19 मार्च, 2014 : पिछले साल की दो घटनाएं इस देश में जल, जंगल और जमीन की तमाम लड़ाइयों पर लंबा और गहरा असर छोड़ेंगी। पहली घटना दिल्ली से दो हजार किलोमीटर की दूरी पर स्थित नियमगिरि की है। यहां ग्रामसभाओं ने एक सुर में अपनी जमीन ‘वेदांता’ के हवाले करने से इनकार कर दिया। इसके बाद वेदांता कंपनी को नियमगिरि छोड़ना पड़ा। नियमगिरि जल, जंगल और जमीन की...
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