डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर दलजीत सिंह अपने साढ़े तीन एकड़ के खेतों में धान लगाते हैं। इन खेतों से हर साल लगभग 100 क्विंटल धान पैदा होता है, लेकिन साल 2022 में केवल 19 क्विंटल ही धान निकला। बाकी धान बौना रह गया या सिकुड़ गया। उन्हें आज तक इसका कारण पता नहीं चल पाया। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सिर्फ इतना बताया कि फिजी वायरस की वजह से बीमारी लग...
More »SEARCH RESULT
किसान क्यों जलाता है पराली, क्या है स्थायी समाधान?
डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हर वर्ष की तरह इस बार फिर 31अक्टूबर 2023 को दिल्ली-एनसीआर मे गंभीर वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा। राजधानी क्षेत्र दिल्ली और साथ लगते प्रदेशों मे गंभीर वायु प्रदूषण से सर्दी के मौसम का आगमन पर 10 करोड़ से ज्यादा...
More »पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?
डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
More »सात राज्यों में निर्यातकों ने बंद की बासमती धान खरीद, किसानों पर दोहरी मार
डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर देशभर के चावल निर्यातकों ने हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश व जम्मू-कश्मीर की मंडियों में रविवार 15 अक्टूबर 2023 से धान की खरीद बंद कर दी है। इसकी वजह केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी : मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस) कम नहीं करना है। इससे किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। बेमौसमी बारिश और ओलों के कारण जहां...
More »पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?
डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
More »