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जल संकट: पानी की कमी से जूझ रहे इस गाँव के लोग गर्मियों में नदी किनारे बना लेते हैं बसेरा

-गांव कनेक्शन,  सुबह चार बजे ही गाँव के ज्यादातर लोग पानी के लिए नदी की ओर निकल जाते हैं और जब मई-जून में और ज्यादा गर्मी बढ़ जाती है तो नदी के किनारे ही लोग बसेरा बना लेते हैं। पानी की कमी की वजह से बहुत से लोग गाँव छोड़ कर जा चुके हैं। ये मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले का देवरी माल गाँव है। यहां के जहांगीर धुरवे (32 वर्ष)...

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: क़ाफ़िला ये चल पड़ा है, अब न रुकने पाएगा...

-न्यूजक्लिक, तू बोलेगी, मुंह खोलेगी तब ही ये ज़माना बदलेगा... ये सच है कि महिलाओं ने बोलना शुरू किया तो ज़माना बदलने लगा। पितृसत्ता की ज़ंग खाई बीमार सोच की तबीयत में रवानी आने लगी। जिसे एक पीढ़ी नामुमकिन मानती रही उसे दूसरी पीढ़ी ने सिरे से खारिज कर दिया। ये सदी औरत की सदी है। जो देश में नई इबारत गढ़ रही है। औरतों के संघर्ष का इतिहास बहुत लम्बा...

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UNU-INWEH रिपोर्ट: बूढ़े हो रहे बड़े बांधों का तीव्रता से निपटान करने के लिए प्रोटोकॉल जारी करने की जरूरत!

बड़े बांध जो पर्यावरणीय क्षति और बड़े पैमाने पर विस्थापन का कारण बने हैं, उनका भारत में नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA), नेशनल अलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट (NAPM) और पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) जैसे नागरिक समाज संगठनों (CSO) द्वारा विरोध किया गया है. संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय के कनाडा स्थित इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर, एनवायरनमेंट एंड हेल्थ के साथ-साथ अन्य साथी संगठनों द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से पता...

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पंचतत्व: अवध की एक नदी का वध

-जनपथ, भारत दैट इज़ इंडिया में हमें जिसकी दुर्गति करनी होती है हम उसको मां कह देते हैं. गंगा मां की मिसाल तो आपको पता है ही. अपन दूसरा काम यह करते हैं कि उसको सजाने-धजाने में, चूनर चढ़ाने में या फिर आरती करने में लग जाते हैं. गंगा की आरती तो दशाश्वमेध पर होती ही थी, अब तो सुना कानपुर के गंधाते घाटों पर भी होती है. एक और फैशन...

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संकट में है भूजल और नदी का रिश्ता

-वाटर पॉर्टल, पिछले कुछ बरसों से, नदियों और भूजल का पुराना अन्तरंग कुदरती रिश्ता बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। अनदेखी के कारण इन दिनों वह कुछ अधिक ही बदहाल है। यह रिश्ता सुधरने के स्थान पर साल-दर-साल और अधिक बिगड़ रहा है। उसका संकट बढ़ रहा है। रिश्ते के संकटग्रस्त होने के कारण नदियों के गैर-मानसूनी प्रवाह की मात्रा और अवधि घट रही है। पानी की गुणवत्ता बिगड़ रही है। नदी-तंत्र...

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