गाँव सवेरा, 22 मई सरकार की ओर से पेश किए गए वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 को राज्य के जंगलों के लिए आत्मघाती बताते हुए पर्यावरणविदों ने इसे वापस लेने की मांग की है. लोकसभा की संयुक्त संसदीय समिति को भेजी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि नये विधेयक के जरिये अरावली की 50 हजार एकड़ जमीन का कमर्शियल यूज के लिए रास्ता खोलने की तैयारी है. वहीं...
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भूजल संरक्षण : उत्तर भारत मे रोपाई धान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए सरकार
डाउन टू अर्थ, 5 अप्रैल जल ऊर्जा का भंडार, पोषक तथा जीवनदाता है। इसके बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं और साथ ही पीने योग्य जल धरती पर अत्यल्प मात्रा में उपलब्ध है। ऐसे में दुनियाभर में जल बचाने की कोशिशें जारी हैं। विश्व स्तर पर जन जागरूकता अभियान जारी है। जल संरक्षण एक नागरिक के तौर पर भी हमारा दायित्व है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (7) के मुताबिक, हर व्यक्ति...
More »एनजीटी : तेलंगाना पर 3800 करोड़ रुपए का जुर्माना, सीवेज और कचरा निस्तारण न करने पर लगेगा यह फार्मूला
डाउन टू अर्थ, 5 अक्टूबर सीवेज और ठोस कचरे का नियमों और मानकों पर समयबद्ध तरीके से निपटान न किए जाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती जारी है। एनजीटी ने तेलंगाना सरकार को 3800 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है। सीवेज और ठोस कचरा निस्तारण के मामले में एनजीटी की ओर से अब तक का यह सबसे बड़ा जुर्माना है। इसी वर्ष एनजीटी ने पश्चिम बंगाल पर सीवेज...
More »ग्राउंड रिपोर्ट: हेलंग बन गया उत्तराखंड के अस्मिता का सवाल
जनचौक, 12 अगस्त उत्तराखंड के चमोली जिले के सुदूरवर्ती गांव हेलंग में महिलाओं से घास छीनने की घटना को करीब एक महीना गुजरने को है। इस दौरान पूरे उत्तराखंड की हुई गतिविधियों पर नजर डालें तो साफ नजर आ रहा है कि राज्य के जागरूक लोगों के बाद अब यहां के आम लोग भी इस लड़ाई में शामिल होने लगे हैं और अब यह मुद्दा हेलंग गांव में घास छीने जाने...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
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