मोंगाबे हिंदी, 5 जनवरी उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला। समय के साथ इस अवधारणा को अलग-अलग तरीकों से लिया गया जिससे ‘कार्बन मूल्य निर्धारण’ की अवधारणा सामने आई। विश्व बैंक के अनुसार कार्बन मूल्य निर्धारण एक उद्योग द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण से नुकसान की भरपाई के लिए...
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यूपी के उन्नाव के 13 गाँवों में धान के खेत में भर गया नाले का गंदा और प्रदूषित पानी
गाँव कनेक्शन, 09 नवम्बर दस बीघा जमीन उन्होंने लीज पर ली थी। लेकिन आज जब उनकी फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है, तो उसको बर्बाद होते हुए देखना 28 साल के श्रीकृष्ण रावत के लिए आसान नहीं है। वह इस नुकसान से काफी परेशान और दुखी हैं। "मैंने इस दस बीघा जमीन पर धान की खेती में अब तक 60,000 रुपये खर्च कर दिए थे। यह मेरी जमीन नहीं थी,...
More »पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »जलवायु संकट में भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना
-आइडियाज फॉर इंडिया, सभी देशों की तरह भारत के लिए भी, जलवायु परिवर्तन एक अत्यंत तेजी से बढती समस्या बन गई है। इस लेख के जरिये पिल्लई एवं अन्य तर्क देते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए भारत की संघीय प्रणाली की पुनर्कल्पना करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के संविधान में जलवायु संबंधी कई क्षेत्रों में राज्यों के महत्वपूर्ण कर्त्तव्य निर्धारित किये गए हैं। वे जलवायु नीति में संस्थागत सुधार...
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