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पंजाब में बाढ़ का बढ़ता कहर, बेकाबू होते हालात

जनचौक, 24 जुलाई एकबारगी ऐसा लग रहा है कि समूचा पंजाब डूबने को है। गांवों, कस्बों और शहरों के कुछ हिस्सों में भरे हुए पानी को देखकर लगता है कि हम सागर में खड़े हैं। शनिवार पूरा दिन मूसलाधार बारिश होती रही और उसने सतलुज, रावी, ब्यास, उज्ज और घग्गर दरिया को खतरे के निशान से भी ऊपर ला दिया। साथ लगते जो गांव बचे हुए थे, उनमें भी पानी घुस...

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आदिवासी क्यों कर रहे हैं समान नागरिक संहिता का विरोध ?

"यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। आप मुझे बताइये, एक घर में, परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो, तो क्या वो घर चल पाएगा? कभी भी चल पाएगा? समर्थकों की ओर से जवाब आता है नहीं। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। हमें याद रखना है कि भारत के...

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असम में बाढ़ से स्थिति अब भी गंभीर, 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित, हजारों हेक्टेयर फसल डूबी

 दिप्रिंट, 26 जून असम में बाढ़ से स्थिति भयावह हो गई है. असम के 15 जिलों के करीब 4 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बजाली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों में 37 राजस्व मंडलों के अंतर्गत 874 गांव बाढ़ से प्रभावित है. अकेले बारपेटा जिले में 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं,...

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उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग

मोंगाबे हिंदी, 22 मई “हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं मिल रहा इसलिए अब हम दिनभर अपने घर में ही रहते हैं,” जोशीमठ के वार्ड क्रमांक 07 (सुनील गांव) की रहने वाली सुनैना सकलानी कहती हैं।  उत्तराखंड के चमोली जिले में बसे जोशीमठ शहर में इस साल जनवरी...

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'भारत को कृषि के लिए एक पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए'

इंडियास्पेंड, 11 मई  पी.एस. विजयशंकर धारणीय खेती और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। वह कहते हैं कि1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति द्वारा लाई गई उत्पादन-केंद्रित कृषि, उच्च उपज वाले बीजों, उर्वरकों और भूजल के अत्याधिक उपयोग से भारत को 1970 के दशक तक खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद तो मिली, लेकिन इसने मृदा स्वास्थ्य, भूजल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का काफी नुकसान भी किया। भारत को...

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