वाराणसी। लोग उपचार को अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन वहां कुछ बीमारियां बोनस में मिलती हैं। कारण यहां होने वाला इंफेक्शन है।इसके कारक खुद अस्पताल के स्टाफ ही हैं जो संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया के वाहक होते हैं। बीएचयू में हुए ताजा शोध में मिला है कि 43.5 फीसदी मामलों में ऐसे वाहक वार्ड अटेंडेंट होते हैं जबकि 21.7 फीसदी मामलों में डाक्टर। बैक्टीरिया इनके नाक, मोबाइल, स्टेथोस्कोप आदि में...
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नियति है मौत!- (रिपोर्ट निराला, तहलका)
बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
More »पांच माह में टी बी के शिकार हो गये डेढ़ हजार मरीज
मीरजापुर। पत्थर खदानों, ईट भट्ठों, खतरनाक उद्योगों में दिन रात मेहनत करने वाले मजदूरों को भर पेट भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। कुपोषण की वजह से जनपद में टी बी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अप्रैल से सितंबर तक करीब 1555 टी बी के मरीज चिह्नित किये गये। उन्हे डाट्स कार्यक्रम के तहत दवा खिलाई जा रही है। डाक्टरों का कहना है कि टी बी...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
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