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चक्रवात मिचौंग का प्रकोप: दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान

डाउन टू अर्थ, 07 दिसम्बर   चक्रवात मिचौंग के कारण हुई बारिश के कारण दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान हुआ है। मिचौंग 5 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच बापटला के करीब टकराया है। पिछले दो दिनों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के कारण दक्षिण और तटीय ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई,...

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दुबई कॉप28: हानि और क्षति, जलवायु कार्रवाई और जीवाश्म ईंधन का चरणबद्ध होना प्रमुख मुद्दे

मोंगाबे हिंदी, 01 दिसम्बर  जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के लिए पार्टियों का 28वां वार्षिक सम्मेलन कॉप28 (COP28) शुरू हो रहा है। इस दौरान देश और पार्टी ब्लॉक उन विषयों पर अपनी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं जो वैश्विक स्तर पर जलवायु कार्रवाई के भविष्य के संकेत दे सकते हैं।  दुबई में 30 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच होने वाली बैठक से पहले अमेरिका और चीन ने एक संयुक्त...

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इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन

डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर  क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...

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इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन

डाउन टू अर्थ, 24 नवम्बर  क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...

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उत्तराखंड: जलवायु आपदाओं की कीमत चुका रहे बच्चे, घर और स्कूल लौटने का इंतजार

इंडियास्पेंड, 01 नवम्बर पिछले डेढ़ महीने से राहत शिविर में रही 10 साल की अंशिका चंदेल नाराज हैं कि उनके पास पढ़ने-लिखने के लिए न तो पूरी कॉपी-किताबें हैं, एक मेज-कुर्सी, कक्षा फुलटाइम शिक्षक भी नहीं हैं। खेलने पर डांट पड़ती है। तेज बोलने पर डांट पड़ती है। बोलकर पढ़ने पर डांट पड़ती है। “मैं पहले पांचवीं क्लास में पढ़ती थी। अब ढंग से नहीं पढ़ पाती हूं। मेरे कपड़े, नोटबुक, किताबें,...

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