एक फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट को संसद में पेश किया गया। सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। गांव, कृषि और किसानों के लिए वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 16 सूत्रीय योजनाओं की घोषणा भी की। परन्तु बजट का अर्थ केवल बड़ी-बड़ी घोषणाएं करना नहीं होता बल्की घोषणाओं के पीछे किये धनराशि आवंटन...
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SBI की रिपोर्ट, 2019-2020 में कम होंगी 16 लाख नौकरियां
वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत में कुल 16 लाख नौकरियां कम हो सकती हैं। हाल ही में जारी हुई एसबीआई की रिपोर्ट में ऐसा अनुमान लगाया है। इकोरैप (Ecowrap) नाम के एसबीआई के इस रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में नई नौकरियों के अवसर सीमित हुए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में 16 लाख कम नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष...
More »आर्थिक संतुलन लेकिन नजर वोट पर-- कन्हैया सिंह
अर्थशास्त्र की भाषा में हम जिसे चुनावी बजट कहते हैं, वैसा यह बजट नहीं है। चुनावी बजट हम उसे कहते हैं, जिसमें सरकार तरह-तरह के मतदाताओं को तोहफे बांटते समय वित्तीय घाटे का ख्याल नहीं रखती। लेकिन इस बजट की खास बात यह है कि इसमें वित्तीय घाटे का पूरा ख्याल रखा गया और उसे एक सीमा से अधिक नहीं बढ़ने दिया गया है। अभी तक यह 3.3 फीसदी था,...
More »कोलकाता : कोल इंडिया के ठेका श्रमिकों को भी मिलेगी पीएफ की सुविधा
कोलकाता : कोयला मंत्रालय ने अपनी अधीनस्थ कंपनी कोल इंडिया व सिंगरेनी कोलियरी के ठेका श्रमिकों को भी पीएफ के दायरे में लाने की योजना बनायी है. इस योजना के तहत कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (सीएमपीएफओ) के दायरे में 70 हजार ठेका श्रमिकाें को शामिल किया जायेगा. कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सीएमपीएफओ द्वार ठेका श्रमिकों को भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जायेगी और उनको पीएफ के माध्यम...
More »पीएम की बातें और देश के सवाल-- योगेन्द्र यादव
क्या लाल किले और चांदनी चौक में फासला बढ़ रहा है? पंद्रह अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री का भाषण सुनते वक्त यह सवाल मेरे जहन में कौंध रहा था. टीवी पर विपक्षी नेता और कई एंकर शिकायत कर रहे थे कि प्रधानमंत्री का भाषण बहुत राजनीतिक है. मुझे इसकी चिंता नहीं थी. स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण राजनीतिक होता है, होना भी चाहिए. यह भाषण...
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