SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 18

कितना जरुरी है भूमिगत जल का प्रबंधन ?

इस एक तथ्य पर गौर करें। साल 1965-66 अनाज का उत्पादन 19 फीसदी घटा जबकि साल 1987-88 में मात्र 2 फीसदी जबकि इन दोनों ही सालों में खेती सूखे की चपेट में आई। सोचिए कि ऐसा क्यों हुआ ? एफएओ द्वारा प्रकाशित स्मॉल होल्डर्स एंड सस्टेनेबल वेल्स, अ रेट्रोस्पेक्ट: पार्टीसिपेटरी ग्राऊंटवाटर मैनेजमेंट इन आंध्रप्रदेश पुस्तक का उत्तर है कि सुखाड़ की इन दो अवधियों के बीच देश में भूमिगत जलस्रोत के जरिए सिंचाई पर निर्भरता बढ़ी और इसी वजह से...

More »

विश्वबैंक की नई रिपोर्ट: और बिगड़ेगा मौसम का मिजाज..

हिमालय की गोद में बसे राज्य उत्तराखंड में आई मौजूदा तबाही और इससे पहले लू के थपेड़ों से सैकड़ों जिन्दगियों के नुकसान के बीच 19 जून को विश्वबैंक द्वारा जारी एक नए आकलन में चेतावनी दी गई है कि अगले 20-30 सालों में दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में जलवायु परविर्तन से मुश्किल हालात पैदा होंगे। आकलन में कहा गया है कि तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ मौसम की विकरालता बढ़ते जाएगी। विश्व भर के पच्चीस चुनिन्दा...

More »

क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम

पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...

More »

पानी के लिए 5 हजार करोड़ खर्च, पानी फिर भी पाताल में : राजेश माली

भोपाल. पांच साल। 5000 करोड़ रुपए खर्च। और, परिणाम, सूखती जमीन। यही हाल है प्रदेश का, जहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन जमीन गीली होने की बजाय और सूखती जा रही है। राज्य के 313 में से 28% ब्लॉक भूजल मामले में ‘सुरक्षित’ नहीं रहे हैं। 5 साल में 42 और ब्लॉक में खतरे की घंटी बज गई है।...

More »

पानी की मांग 2050 तक 1447 अरब घन मीटर

नई दिल्ली। देश में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की मांग वर्ष 2050 तक बढ़कर 1,447 अरब घन मीटर हो जाएगी और इसे पूरा करने के लिए हमें भूमिगत जल और सतही जल संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करना होगा। जल संसाधन राज्य मंत्री विसेंट एच पाला ने यहां राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जल संसाधन सचिवों-मुख्य सचिवों की एक दिवसीय बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close