आरा : करथ पंचायत भोजपुर जिले के तरारी ब्लॉक में स्थित है और इस इलाके को धान का कटोरा माना जाता है. यहां किसान एक एकड़ में 25 से 30 क्विंटल तक धान उपजा लेते हैं. पिछले खरीफ में भी धान की अच्छी पैदावार हुई. मगर तकरीबन 1500 किसानों के इस पंचायत में सिर्फ 66 किसान अपनी उपज पैक्सों को बेच पाये. यहां यह भी जानना रोचक होगा कि करथ...
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जातीय विषमता का जहर और आरक्षण की आग - राजकिशोर
हरियाणा और उसके आसपास का बड़ा इलाका जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की आग में झुलस गया। इन मांगों का कभी अंत भी नहीं होगा। समानता व सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण की मांगों के पक्ष में कुछ भी तर्क दिए जाएं, लेकिन मुट्ठीभर लोगों का ही भला करने वाले इस तरीके से न तो समानता आने वाली है और न ही समाज में जातियों का जहर मिटने वाला...
More »अति पिछड़ों की राजनीतिक भूमिका-- बद्री नारायण
बिहार में अब सिर्फ दलितों और पिछड़ों की राजनीति नहीं हो रही, इसकी राजनीति का नया रुझान महादलित और अति पिछड़ों से जुड़ा है। ये दो श्रेणियां बताती हैं कि जिन्हें हम दलित और पिछड़े वर्गों की तरह देखते हैं, उनका स्वरूप हर जगह एक सा नहीं है। इन वर्गों के भीतर भी गैर-बराबरी, ऊंच-नीच या भेदभाव है। इसके चलते संसाधनों का समान वितरण नहीं हो पाता। इनके भीतर भी ऐसी...
More »विकास और जाति का गणित- नीलांजन मुखोपाध्याय
एक बात पर आम सहमति है कि बिहार विधानसभा का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी अहम होगा। चूंकि विभिन्न कारणों से केंद्र सरकार को कई नाकामियों का सामना करना पड़ा है, इसलिए बिहार के चुनाव में जीत उन्हें उससे उबरने में मदद कर सकती है। इसके विपरीत, अगर बिहार में भाजपा का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहता, तो नीतिगत पंगुता की स्थिति पैदा होगी और प्रधानमंत्री मोदी की छवि...
More »गांव-घर की निरक्षर महिलाएं पढ़ेंगी ककहरा
पटना: शब्द-शब्द गढ़ना है, हर औरत को पढ़ना है. अनपढ़ बहना लजाती है, जगह-जगह ठगाती है. आंचल में अक्षर की धारा, कर देगी जग को उजियारा. अपने पढ़ी दूल्हा के पतिया, केहू ना जाने पराइवेट बतिया. जी हां, अब ये स्लोगन गांव की अनपढ़ महिलाओं के लिए वरदान साबित होने जा रहे हैं. जीविका व जन शिक्षा की पहल पर गांव घर की निरक्षर महिलाओं को शिक्षित किया जाना है. इसकी...
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