बच्चों को लेकर भारत में एक बड़ा विरोधाभास दिखायी देता है. एक तरफ, घर में बच्चों को बहुत प्रेम किया जाता है. दूसरी तरफ, लोक-नीति में बच्चों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. आज भी गरीब बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है, न स्वास्थ्य सुविधा और न ही पोषण. इसके कारण बांग्लादेश और नेपाल की तुलना में भारत के बाल विकास से संबंधित आंकड़े कमजोर हैं. इससे...
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बात पशुओं के अधिकारों की भी हो- विजय गोयल
कुछ समय पहले खबर आई कि इंदौर की पॉश कॉलोनी में एक तेंदुआ घुस आया, जिसने कई लोगों को घायल कर दिया। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ, विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों द्वारा शहर में आकर उत्पात मचाने की खबरें आती रहती हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हाथी जैसे जंगली जानवर शहरों में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं और कई बार भीड़...
More »नॉनवेज फूड की खपत में बंगाल देश में दूसरे स्थान पर, 98.7 % पुरुष व 98.4 % महिलाएं हैं मांसाहारी
कोलकाता : बंगाल विशेष तौर पर रसगुल्ला और माछेर झोल-भात (मछली-भात) के लिए जाना जाता है. लेकिन शहरीकरण और जल प्रदूषण से मछलियों की आमद में कमी आयी है. इसका असर मछलियों के दाम पर पड़ा है. ऐसे में मछलियों के विकल्प के रूप में चिकन व मटन खाने का चलन बढ़ा हैं. बंगाल में चिकन हर उम्र के लोगों का पसंदीदा नॉनवेज फूड के रूप में उभरा...
More »मोहनदास से महात्मा तक--- श्रीभगवान सिंह
आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि गांधीजी को पहली बार ‘महात्मा' से संबोधित किया रवींद्रनाथ ठाकुर ने। लेकिन धर्मपालजी अपनी पुस्तक में बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आने पर गांधी को पहली बार ‘महात्मा' के रूप में संबोधित किया गया 21 जनवरी 1915 को, गुजरात के जेतपुर में हुए नागरिक अभिनंदन समारोह में। इसमें प्रस्तुत अभिनंदन पत्र में ‘श्रीमान महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी' जैसे आदरसूचक शब्दों...
More »खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे
पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...
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