बीते दिनों महाराष्ट्र में 'भारत माता की जय' न कहने को लेकर एक मुसलिम विधायक को निलंबित कर दिया गया. उस विधायक का कहना है कि 'भारत माता की जय' नहीं कहेंगे, बल्कि वे 'जय हिंद' कहेंगे. 'भारत माता की जय' या 'जय हिंद', इन दोनों नारों में अंतर क्या है, मैं सचमुच आश्वस्त नहीं हूं, लेकिन इतना जरूर है कि महाराष्ट्र के उस विधायक के निलंबन पर सवाल...
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दलितों को मनुष्य न मानना!-- तरुण विजय
तमिलनाडु में शंकर और कौशल्या ने अपने-अपने समाज के रूढ़िवादी इच्छा के विरुद्ध प्रेम-विवाह किया. दोनों हिंदू हैं एवं आस्तिक व श्रद्धालु हिंदुओं की तरह वे विवाह बंधन में बंधे. कौशल्या उस जाति से है, जिसे वनियार कहा जाता है, और वे बाकी तथाकथित सवर्ण जातियों की तरह स्वयं ऊंचा मानते हैं. शंकर का परिवार अनुसूचित जाति से है, जिसे ये ऊंची जाति का अहंकार रखनेवाले छोटा और अस्पृश्य मानते...
More »राजनीतिक दलों में दलितों को लुभाने की होड़ - शिवानंद तिवारी
यह सबने देखा कि पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों में आंबेडकर जयंती मनाने को लेकर किस कदर होड़ रही। इस होड़ ने यही साबित किया कि दलित वोट की महत्ता आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ गई है। दलितों को मतदान का अधिकार तो शुरू से ही है, लेकिन समाज में अपनी दयनीय स्थिति और राजनीतिक चेतना के अभाव में दलित समाज अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं...
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