भले ही दुनिया के कई देशों में आयुर्वेदिक दवाओं का आयात भारत से होता हो, लेकिन इनके खिलाफ एक बड़ा भारी मत यह है कि प्राचीन ग्रंथों के उल्लेखों और सिर्फ भरोसे के आधार पर उन दवाओं का कारोबार नहीं चल सकता जिनके बनाने की विधि में एकरूपता न हो और जिनके असर व दुष्प्रभाव को मापने का कोई जरिया न हो। इन स्थितियों के बावजूद हाल में स्विट्जरलैंड की...
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बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या
भारत में मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें डिप्रेशन व डिमेंशिया समेत अनेक प्रकार की दिमागी बीमारियां शामिल हैं. ‘द लेंसेट' के मुताबिक, आगामी दशक में भारत में इस बीमारी की चपेट में आनेवालों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इसका समग्र इलाज कैसे मुमकिन हो सकता है. इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए समग्र नजरिया अपनाना होगा़...
More »बाधा पर विजय
हर साल तीन दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर कुछ ऐसे साहसी लोगों की कथा, जिन्होंने अपनी हिम्मत और हौसले से अपनी बाधाओं को ताकत में बदल दिया। हुमैरा अंसारी और अंतरा सेनगुप्ता की रिपोर्ट जनसंचार में स्नातकोत्तर की फाइनल परीक्षा से कुछ दिन पहले 2010 में 29 साल की निधि गोयल को कितना संघर्ष करना पड़ा था, वह इसे कभी नहीं भूल सकतीं। ये विजुअली...
More »खुदकुशी को अपराध के दायरे से बाहर करने पर विचार
नई दिल्ली [जासं]। किसी परेशानी के चलते आत्महत्या का प्रयास करने वालों को जल्द ही कानूनी प्रक्रिया से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी में लाने वाली भारतीय दंड संहिता [आइपीसी] की धारा 309 को हटाने पर विचार कर रही है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को एक साल की साधारण कैद, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व...
More »सावधान! आपकी थाली में सब्जी नहीं 'जहर' हैं!- मुकेश कुमार
लखनऊ। बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप...
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