दिप्रिंट, 1 फरवरी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवां और आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए बुधवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है. बजट 2023-24 में किसानों के लिए कई खास और महत्वपूर्ण...
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साफ़ ऊर्जा की ओर प्रगति में कहां खड़ा है भारत
कार्बनकॉपी, 10 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है। इस भाषण के तीन महीने बाद ही नवंबर 2021 में ग्लासगो में आयोजित कॉप-26 में भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की घोषणा की। ग्लास्गो में भारत ने यह भी लक्ष्य...
More »जी-20: कृषि में भारत के लिए प्राथमिकताएं
रूरल वॉयस, 03 जनवरी भारत को जी-20 की अध्यक्षता ऐसे समय मिली जब विश्व मानव इतिहास के सबसे अनिश्चित पलों से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली देशों की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ सरकार की प्राथमिकताएं भी बताईं। उन्होंने कहा कि भारत का एजेंडा भोजन, उर्वरक और चिकित्सा उत्पादों की वैश्विक आपूर्ति का अराजनीतिकरण करके जी-20 देशों के बीच सहयोग और समन्वय को...
More »‘चालू खाता घाटा, विश्व स्तर पर बढ़ती खाद्य कमी’- मोदी सरकार ने रबी फसलों के लिए क्यों बढ़ाया MSP
दिप्रिंट, 19 अक्टूबर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रबी सीजन की कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहित कर तेजी से बढ़ते देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी लाना है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी. मसूर के...
More »पेसा कानून में बदलाव के खिलाफ छत्तीसगढ़ के आदिवासी हुए गोलबंद, रायपुर में निकाली रैली
जनचौक, 3 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर में छत्तीसगढ़ के समस्त आदिवासी इलाके की ग्राम सभाओं का एक महासम्मेलन गोंडवाना भवन में आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न ग्राम सभाओं के 5000 से अधिक आदिवासी प्रतिनिधि हिस्सा लिए। इस मौके पर सूबे के अलग-अलग हिस्सों से आए सिलगेर से रघु,कोयलीबेड़ा से सहदेव उसेंडी, दुर्गुकोंदल से जगत दुग्गा, अंतागढ़ से संत लाल दुग्गा, सिहावा से लोकेश्वरी नेताम, मीरा संघमित्रा,मानपुर से सरजु टेकाम, बीजापुर से...
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