500-1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बावजूद राजनीतिक पार्टियों को पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने कर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। आईटी ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13A राजनीतिक दलों को टैक्स से छूट प्राप्त है। इसके अलावा राजनीतिक दल सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में भी नहीं आते हैं। हालांकि, पिछले दस सालों में राजनीतिक दलों की आय में करोड़ों रुपये का इजाफा है। इसी साल...
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राजनीति में भ्रष्टाचार के साथ ही बढ़ता गया काला धन-- सुरेन्द्रकिशोर
ब्रिटिश अर्थशास्त्री कैलडोर ने 1956 में यह बताया था कि भारत में काला धन सकल घरेलू उत्पाद का 4-5 प्रतिशत है. वांचू कमेटी के अनुसार 1970 में करीब सात प्रतिशत था. एक अध्ययन के अनुसार 1985 में यह जीडीपी का 18-20 प्रतिशत हो गया. एक अन्य अध्ययन के अनुसार 1995-96 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया था. 2005-6 में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया....
More »बिचौलियों का खेल है कीमत वृद्धि-- रघु ठाकुर
सरकार ने प्याज के निर्यात का फैसला किया है। कहा गया है कि किसानों को प्याज की पर्याप्त कीमत मिल सके, इसलिए प्याज के निर्यात का निर्णय किया गया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने प्याज के निर्यात पर यह कह कर रोक लगाई थी कि प्याज के दाम बहुत बढ़ गए हैं और उत्पादन और उपलब्धता कम है। उस समय शहरों के बाजारों में प्याज के दाम बढ़...
More »राजनीतिक दलों की निजता और आरटीआई - हृदयनारायण दीक्षित
जनतंत्र में दलतंत्र महत्वपूर्ण उपकरण है। दलों की मान्यता और पंजीयन के विधि स्थापित नियम हैं। दलों के अपने घोषित कार्यक्रम, संविधान, संगठन पद व संकल्प हैं। दल मूलत: राजनीतिक जनसंगठन हैं। दल चुनावों में हिस्सा लेते हैं। संगठन तंत्र के माध्यम से अपने पक्ष में जनमत बनाते हैं। जनसमर्थक मनमाफिक दल को चलाने या चुनावी जीत दिलाने के लिए चंदा देते हैं। दल कार्य संचालन के लिए विभिन्न् स्तर...
More »राजनीतिक चंदे में गोरखधंधे को रोकें - ए. सूर्यप्रकाश
कई साल पहले सजग नागरिकों ने बाहुबल और धनबल के रूप में उन दो दुष्टों की पहचान की थी, जो हमारे लोकतंत्र को कलंकित कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग की लगातार कोशिशों, सुरक्षा बलों की बड़े स्तर पर तैनाती और लंबी चलने वाली चुनाव प्रक्रिया को बधाई देनी चाहिए जिनसे पहले दुष्ट यानी बाहुबल पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। लेकिन धनबल की समस्या अभी तक चुनावी...
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