-कारवां, गृह मंत्रालय द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय को ब्रिटेन के वकील सतनाम सिंह बैंस के बारे में जानकारी भेजने के लगभग दो साल बाद 19 अप्रैल को चंडीगढ़ पुलिस ने बैंस के खिलाफ एफआईआर दर कर ली है. सतनाम ने 2008 में सिविल सोसाइटी ग्रुप पंजाब डॉक्यूमेंटेशन एंड एडवोकेसी प्रोजेक्ट (पीडीएपी) की स्थापना की थी. पीडीएपी का उद्देश्य पंजाब में अशांति से भरे 1984 और 1995 के बीच के सालों में...
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'पक्ष'कारिता: आज मर रहे पत्रकारों को बचाइए, उम्मीद बची तो कल पत्रकारिता भी बच जाएगी
-न्यूजलॉन्ड्री, कोविड-19 के कसते शिकंजे के आलोक में हिंदी के ज्यादातर अखबारों के अचानक बदले चरित्र और जनपक्षधर रिपोर्टिंग पर पिछले अंक में एक सरसरी तौर पर इशारा था, हालांकि वह स्तम्भ बंगाल चुनाव पर केंद्रित था. अखबारों का आलोचनात्मक रुझान अब भी कायम है, बल्कि और तीखा हुआ है. अच्छी बात यह है कि छोटे-छोटे शहरों के अखबारी संस्करणों और छोटे प्रकाशनों (मुद्रित और ऑनलाइन) में जनता के दुख-दर्द की...
More »उत्तराखंड ग्लेशियर : आपदा आसन्न विपदा की चेतावनी
-आउटलुक, “चमोली की आपदा फिर हिमालय की पारिस्थितिकी पर सोचे-विचारे बिना बेरोकटोक परियोजनाओं पर फौरन पुनर्विचार का मौका दे गई” उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव की प्रसिद्घि 7 फरवरी के पहले उस गौरा देवी के लिए थी, जो तकरीबन तीन दशक पहले महिलाओं के जत्थे के साथ पेड़ काटने आए बंदूकधारी ठेकेदार के आदमियों को चुनौती दी थी और पेड़ों से चिपक कर उन्हें कटने से बचाया था। उनकी स्मृति...
More »नाजुक चमोली सिर्फ ऊंचे पहाड़ों से नहीं बड़ी-बड़ी परियोजनाओं से भी घिरा है
-डाउन टू अर्थ, मुझे खबर मिली तो मैंने तत्काल जोशीमठ की एसडीएम को संपर्क किया, वह दौरे पर निकल गईं। मैंने हैलीपेड की व्यवस्था की और सुबह 10 बजे के बाद से ही हमने वायरलेस के जरिए आपदा नियंत्रण कक्ष से अधिकारियों से बातचीत और आदेशों की घोषणाएं शुरु कर दीं। 7 फरवरी, 2021 की सुबह हरिद्वार के आगे जोशीमठ तक आवाजाही बंद कर दी गई। आस-पास के जिलों में अधिकारियों...
More »चमोली आपदा: चिपको आंदोलन की पीढ़ी बेबस होकर गांवों से करना चाहती है पलायन
-डाउन टू अर्थ, “हमने पहले ही चेताया था कि करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर नंदादेवी राष्ट्रीय अभ्यारण्य के पास बांध (डैम) बनाना ठीक नहीं है। अदालतों और लगभग सभी समितियों के चक्कर लगाए गए, उन्हें भी चेताया गया। लेकिन किसी ने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया। समिति पर समिति बनती रहीं और बांध का बनना भी जारी रहा। अब देखिए यह क्या हो गया।” उत्तराखंड के चमोली जिले में...
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