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रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम

किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....

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वैश्चिक अर्थव्‍यवस्‍था में लड़खड़ाता 'ड्रैगन" और हम - सुषमा रामचंद्रन

चीन की कहानी किसी परीकथा की तरह है। लाखों गरीबों-मजलूमों का यह देश महज चंद दशकों में ही एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में जब उभरकर सामने आया तो सभी हतप्रभ रह गए। हालत यह हो गई?कि चीन को दुनिया की सबसे बड़ी फैक्टरी कहा जाने लगा : एक मैन्युफेक्चरिंग पॉवर हाउस! लेकिन अब लगता है कि चीन के उभार की कहानी जिस तरह से किसी परीकथा की तरह थी,...

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छत्‍तीसगढ़ में सैटेलाइट सर्वे से तय होगी खदानों की सीमा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खदानों की सीमा तय करने के लिए सैटेलाइट सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने दस कंपनियों को अधिमान्य किया है। ये कंपनियां कोयला व लौह अयस्क खदानों को छोड़कर चूना-पत्थर, बॉक्साइट और अन्य खनिजों की खदानों की सीमा का निर्धारण करेंगी। कोयला खदानों के सर्वे का काम केंद्र सरकार की एजेंसी सीएसपीडीएल कर रही है। वहीं लौह अयस्क की खदानों के सर्वे का जिम्मा एनएमडीसी...

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पॉस्को ओड़िशा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में, 760 अरब के प्रोजेक्टर पर ग्रहण

मुंबई। दक्षिण कोरिया की स्टील कंपनी पॉस्को ने ओड़िशा प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कंपनी ने तकरीबन 10 साल पहले भारत में 12 अरब डॉलर (लगभग 760 अरब रुपए) की लागत से स्टील प्लांट लगाने की हामी भरी थी। ऐसे संकेत भी मिलने लगे हैं कि कंपनी ओड़िसा प्रोजेक्ट पूरी तरह बंद कर सकती है। वजह यह है कि इसके लिए लौह अयस्क ब्लॉक पट्टे पर मिलने और...

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आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा

बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...

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