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काबुल: अभी असल सवाल सभी जातियों और कबीलों को मिला के सरकार बनाने का है

-जनपथ, यह तो अच्छी बात है कि भारत सरकार की तालिबान से दूरी के बावजूद उन लोगों ने अभी तक भारतीय नागरिकों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। हमारा दूतावास सुरक्षित है। हमारे जहाज सुरक्षित हैं और हमारे लोगों को भी भारत लौटने दिया जा रहा है। भारत सरकार और हमारा उड्डयन मंत्रालय भी पर्याप्त सक्रिय हैं। यह ध्यान देने लायक है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों की तरह...

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पेगासस खुलासों पर नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों की भिन्न प्रतिक्रियाओं के क्या अर्थ हैं

-द वायर, अगाथा क्रिस्टी ने लिखा है : ‘जुर्म छिपाए नहीं छिपता है. अपने तरीकों को बदलने की चाहे जितनी कोशिश करो, जो कि तुम करोगे, तुम्हारी पसंद, तुम्हारी आदतें, तुम्हारा रवैया और तुम्हारी आत्मा को तुम्हारे कदम जाहिर कर ही देते हैं. पिछले महीने पेगासस प्रोजेक्ट- एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, द वायर जिसका एक हिस्सा है- ने दुनियाभर में सरकारों द्वारा विश्व नेताओं, विपक्षी राजनीतिज्ञों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सैन्य श्रेणी के...

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अरुंधति रॉय: पेगासस को महज एक नया तकनीकी हथकंडा कहकर नकारना एक गंभीर गलती होगी!

-गांव सवेरा, भारत में मौतों की मनहूसी का मौसम बड़ी तेज़ी से जासूसी के मौसम में बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर उतर गई है, और अपने पीछे छोड़ गई है अंदाज़न 40 लाख भारतीयों की मौतें। मौतों का आधिकारिक सरकारी आंकड़ा इसका दसवां हिस्सा है– चार लाख। नरेंद्र मोदी की इस खौफनाक हुकूमत (डिस्टोपिया) में, जब श्मशान घाटों पर धुआं छंटने लगा और कब्रिस्तानों की मिट्टी...

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आवरण कथा/बैंकिंग व्यवस्था/भगोड़ों की मौज, भंवर में फंसे बैंक

-आउटलुक, “एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं” अजब जलवा है भगोड़ों का। 23 मई की रात अचानक खबर आई कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मोस्ट वांटेड भगोड़ों में से एक, मेहुल चोकसी...

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यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!

वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...

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