नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 में इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और कोल इंडिया सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) रहे। इसके विपरीत दोनों सरकारी दूरसंचार उपक्रमों बीएसएनएल और एमटीएनएल तथा सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने सबसे अधिक घाटा दर्ज किया। इस अवधि में सभी सार्वजनिक उपक्रमों का रिजर्व और सरप्लस 8.98 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.23 लाख करोड़ रुपये हो गया। संसद में मंगलवार को पेश पीएसयू...
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ठोस उपायों से ही बदलेगी तस्वीर - डॉ. भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ रहा है। सरकार की आय कम हो और खर्च ज्यादा हो तो अंतर को पाटने के लिए सरकार बाजार से ऋण लेती है। इस ऋण को वित्तीय घाटा कहा जाता है। वित्तीय घाटे को अच्छा नहीं माना जाता, ठीक वैसे ही जैसे ऋण लेकर फाइव स्टार होटल में भोजन करने वाले को जिम्मेदार नहीं माना जाता है। विदेशी निवेशक सोचते हैं कि सरकार को...
More »आर्थिक मोर्चे पर मजबूती की ओर - संजय गुप्त
पांच तिमाहियों के बाद आर्थिक विकास दर में उछाल दर्ज होना मोदी सरकार के लिए न केवल आर्थिक मोर्चे पर राहतकारी है, बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी। ऐसा इसलिए, क्योंकि गुजरात चुनाव में अन्य अनेक मसलों के साथ देश की अर्थव्यवस्था की सेहत को भी एक मुद्दा बनाया जा रहा है। चूंकि जीडीपी में उछाल यह भी बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी के साथ-साथ जीएसटी के असर से भी...
More »मिलीजुली राजनीति में फंसा मोदी का अर्थशास्त्र--- शेखर गुप्ता
जोसेफ हेलर के प्रसिद्ध उपन्यास कैच-22 में लेफ्टिनेंट मायलो माइंडरबाइंडर का चरित्र खुद से कारोबार करके ख्याति अर्जित करता है। वह खुद से इस तरह कारोबार करता कि लेन-देने के चक्र में शामिल हर व्यक्ति को मुनाफा होता, जो अंतत: सरकार की जेब से ही आता है। वह किसी चीज की पूरी सप्लाई खरीद लेता जैसे एक गांव के सारे अंडे, टमाटर खरीद लिए और फिर अपनी ही फौजी यूनिट...
More »विकास की बड़ी जिम्मेदारी है इस आयोग पर-- एन के सिंह
तीन साल पहले योजना आयोग को खत्म करके उसकी जगह एक थिंक टैंक के तौर पर नीति आयोग का गठन किया गया था। आलोचक यह सवाल अब तक उठाते हैं कि क्या यह बदलाव मुनासिब साबित हुआ? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने से पहले यह बताना चाहूंगा कि योजना आयोग के तीन बुनियादी काम थे। पहला, केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करना। दूसरा, हमारी विकास संबंधी नीतियों...
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