-सत्याग्रह, वे छह महीने पहले क्यूबा में हुई सशस्त्र क्रांति के बड़े नायक थे. सरकार के गठन के बाद राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने उन्हें तीसरी दुनिया के देशों से संबंध कायम करने का जिम्मा सौंपा. क्यूबा की क्रांति के दूत बनकर चे ने कई देशों की यात्रा की. भारत सरकार से उन्हें खास बुलावा था, जिसने फिदेल कास्त्रो की सरकार को फौरन मान्यता दी थी. मिस्र होते हुए चे गेवारा भारत...
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सत्यजीत रे की तीन शहरी फ़िल्में और संकट-ग्रस्त नैतिकताओं के संसार
-न्यूजलॉन्ड्री, सीमाबद्ध (1971) साल 1970 के अक्तूबर-नवम्बर में कलकत्ता (आज का कोलकाता) में 17 दिनों के फ़ासले से दो फ़िल्में रिलीज़ हुईं. पहली थी सत्यजीत रे की प्रतिद्वंद्वी और दूसरी थी मृणाल सेन की इंटरव्यू. संयोगवश यह दोनों ही फ़िल्में एक ऐसी संज्ञा का सूत्रपात कर रही थीं जिसे सत्यजीत रे और मृणाल सेन,दोनों के सिनेमा के संदर्भ में ‘कलकत्ता ट्राइलोजी’ (Calcutta Trilogy) कहा जाता है. इस श्रृंखला में दोनों निर्देशकों की...
More »भारत कोरोना के बाद चीन के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की जगह ले सकता है, ये कहना जल्दबाजी होगी
-द प्रिंट, लोग इन दिनों सवाल कर रहे हैं कि क्या कोविड-19 के बाद भारत मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में चीन की जगह ले सकता है. न्यूयार्क टाइम्स के कॉलमिस्ट थॉमस फ्रीडमन ने हाल ही में हुए दिप्रिंट के ऑफ द कफ में इस बारे में अपनी राय दी है. टॉमस फ्रीडमन का यह कहना है कि दुनिया अब एकदम से बदल जाएगी यह कहना जल्दबाजी होगी और ग्लोबलाइजेशन खत्म होने की बात भी...
More »बीमार की बीमारी: भारत, वायरल रोगों का सबसे बड़ा शिकार
-इंडिया टूडे, भारत में स्वाइन फ्लू के ताजा इतिहास पर नजर डालनी चाहिए ताकि हम समझ सकें कि कोरोना या कोविड-19 हमारा क्या हाल कर सकता है, जहां का स्वास्थ्य ढांचा वियतनाम और ब्राजील से भी पिछड़ा है. स्वाइन फ्लू इक्कीसवीं सदी की पहली घोषित आधुनिक महामारी थी. भारत में 2009 से 2019 के बीच स्वाइन फ्लू से 10,614 मौतें हो चुकी हैं और 1.37 लाख लोग बीमार हुए. यह तबाही अभी...
More »वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वां स्थान चिंताजनक : नायडू
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है। नायडू ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वें स्थान पर होना चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड खाद्यान्न...
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