-न्यूजक्लिक, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़कड़डूमा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिला अदालत के एएसजे विनोद यादव सहित 4 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों (एएसजे) को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया है, जिन्होंने पिछले एक साल में दिल्ली हिंसा से जुड़े कई मामलों को निपटाया था। संयोग से, मार्च 2021 के बाद से उनके कई आदेशों ने दिल्ली पुलिस के रवैये और दिल्ली हिंसा के मामलों में उनके द्वारा की जा रही जांच की...
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जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : सज्जाद लोन
-कारवां, सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लोन के पिता अब्दुल गनी ने 1978 में पार्टी की स्थापना की थी. 2002 में संदिग्ध आतंकवादियों ने उस वक्त अब्दुल गनी की हत्या कर दी जब वह एक अन्य कश्मीरी नेता की स्मृति सभा में भाग ले रहे थे. लोन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की कमान संभाली. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में लोन ने स्वतंत्र...
More »विमर्श : इतिहास पर छापा
-आउटलुक, “हिंदुत्ववादी शक्तियां इतिहास को विचारधारा के अनुसार बदलने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करती हैं” पिछली शताब्दी के शुरुआती वर्षों से ही हिंदू सांप्रदायिक शक्तियां भारत के अतीत को अपने चश्मे से देखकर इतिहास को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश करती रही हैं। पुरुषोत्तम नागेश ओक ने पांच दशकों से भी अधिक समय तक इस अभियान का नेतृत्व किया और कई पुस्तकें लिखीं। 1964 में ‘भारतीय इतिहास पुनर्लेखन संस्थान’...
More »कोविड-19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख विनोद पॉल के काम से असंतुष्ट विशेषज्ञ
-कारवां, इस महामारी से निपटने में भारत के जो प्रयास थे उनकी छानबीन विनोद के॰ पॉल की भूमिका के अध्ययन के बिना नहीं की जा सकती. राष्ट्रीय टॉस्क फोर्स का नेतृत्व करने के अलावा पॉल नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सिन एडमिनिस्ट्रेशन के भी अध्यक्ष हैं. यह ग्रुप देश में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करता है और देशभर में टीके की व्यवस्था करने से संबंधित निर्णय लेता है. नीति आयोग...
More »आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो
-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...
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