कार्बनकॉपी, 16 नवम्बर हमारी धरती तेजी से गर्म हो रही है और इसका एक और नया सबूत सामने आया है। जब जलवायु इतिहास का चौथा सबसे गर्म अक्टूबर इस साल 2022 में दर्ज किया गया है। नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि इस साल अक्टूबर के महीने में औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत...
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जैव-विविधता को सहेजने के लिए सामुदायिक भागीदारी से बढ़ेगा संरक्षित क्षेत्र
मोंगबाय हिंदी, 13 अक्टूबर जैव-विविधता पर गहराते संकट को हल करने के लिए दुनिया भर में कई तरह की कोशिशें चल रही हैं। इन्हीं में से एक है साल 2030 तक धरती के 30 प्रतिशत हिस्से को संरक्षित दायरे में लाने का प्रयास। इसका उद्देश्य धरती से तेजी से लुप्त हो रही प्रजातियों की रक्षा करना और इसके महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र को बचाना है। इसी वैश्विक लक्ष्य को आमतौर पर 30×30...
More »जलवायु संकट: 23 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं दुनिया के एक फीसदी लोग
डाउन टू अर्थ, 6 अक्टूबर इसमें कोई शक नहीं की धरती पर मौजूद हर इंसान जलवायु में आते बदलावों के लिए जिम्मेवार है। लेकिन सभी इंसान समान रूप इस बदलती जलवायु के लिए जिम्मेवार नहीं हैं। वैश्विक स्तर पर लोगों द्वारा उत्सर्जित हो रही ग्रीनहाउस गैसों के बीच का यह अंतर काफी बड़ा है। इस पर किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि 1990 के बाद से वैश्विक स्तर...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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