-इंडिया स्पेंड, उत्तराखंड में बेरोजगारी की समस्या हर साल बढ़ती जाती है और इसकी वजह से प्रदेश सरकार तमाम कोशिशों के बावजूद भी यहां के पहाड़ी जिलों से पलायन को रोक नहीं पा रही है। प्रदेश में जहां एक और सरकारी नौकरियों में कमी आ रही है और कई खली पड़े पदों पर नियुक्तियां नहीं हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के बाद प्रदेश के...
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दिल्ली के निजी स्कूलों में कम हो रहे नए दाख़िले, उनका ख़र्च नहीं उठा सकते कोविड प्रभावित परिवार
-द प्रिंट, 36 वर्षीय ममता देवी दक्षिणी दिल्ली के एक घर में काम करती है, जिसे अपने तीन बच्चों को पढ़ाना है, लेकिन सीमित साधनों के साथ. महामारी में उसकी स्थिति और बिगड़ गई है. सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले उसके पति की, पिछले एक साल में कई बार नौकरी छूटी, जिससे उनकी पारिवारिक आय, पहले के 1.5 लाख से घटकर, सिर्फ एक लाख से कुछ ज़्यादा पर आ गई. आय में...
More »जच्चा-बच्चा सर्वे: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का एक बड़ा हिस्सा अभी भी मातृत्व लाभ से वंचित है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...
More »फैक्टचेक: 2011 से नए निर्माण की स्वीकृति नहीं तो फिर योगी सरकार ने कैसे कर दी 771 कस्तूरबा विद्यालयों की स्थापना
-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने 6 अप्रैल को एक ट्वीट कर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा किए गए शिक्षा के कार्यों को साझा किया. राज्य की बीजेपी सरकार ने जो तस्वीर साझा की है उसमें कई दावे किए, इनमें से एक दावा यह था कि योगी सरकार ने 771 कस्तूरबा विद्यालयों की स्थापना की है. उत्तर प्रदेश बीजेपी के इस विज्ञापन में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उप...
More »बॉलीवुड में किसानों के ऊपर सिनेमा बनाने का जोखिम कौन लेगा?
-जनपथ, भारत की 60-70 फीसदी जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कहते हैं कि भारत गांवों में बसता है, बावजूद इसके वर्तमान हिंदी फिल्मों में किसानों की कहानी नहीं के बराबर आती है। लंबे समय से इस देश के किसान किसी बिमल रॉय के इंतजार में हैं जो उनकी दो बीघा ज़मीन पर एक फिल्म बना दे। आम तौर से समाज की आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण योगदान रखने...
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