-इंडिया टूडे, लॉकडाउन की वजह से दुर्गति झेल रहे मजदूर की परेशानी कम होने की जगह बढ़ती जा रही है. हजारों की तादाद में सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों के लिए पैदल निकले मजदूरों को पुलिस और प्रशासन की प्रताड़ना से दो-चार होना पड़ा बल्कि सरकार के हाथों भी वह ठगा महसूस कर रहे हैं. 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर गृहमंत्रालय ने मजदूरों को राज्यों की आपसी सहमति से...
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कोरोना वायरस: झारखंड़ लौटे मज़दूरों ने की खुद किराया चुकाने की बात
-बीबीसी, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले मज़दूरों को अपनी जेब से टिकट के पैसे का भुगतान करना पड़ा है. अपने घर लौटने वाले मज़दूरों ने बीबीसी से बातचीत में यह बात बताई है कि इनसे किराये की पूरी रक़म वसूली गई थी.अलबत्ता केरल के तिरुवनंतपुरम से झारखंड के जसीडीह पहुँची विशेष ट्रेन के इन यात्री मज़दूरों को उनके घरों तक पहुँचाने के लिए झारखंड सरकार ने बसों का इंतज़ाम किया...
More »लॉकडाउन की वजह से बहुत सी जानें ऐसी गईं जिन्हें बचाया जा सकता था, इनमें मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा
-गांव कनेक्शन, कोरोना महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए लगभग पूरा देश बंद है। इसी बंदी (लॉकडाउन) में लाखों वे लोग भी फंसे हैं, जिनका जहां पर हैं वहां रहना उनके लिए संभव नहीं है। प्रवासी कामगारों, मजदूरों की वापसी पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली हैं, बसें चलाई गईं हैं, लेकिन इन सबके बीच एक रिपोर्ट में सामने आया है कि लॉकडाउन...
More »लंबा है असम की अस्मिता का संघर्ष - एनके त्रिपाठी
असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सामने आने के बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं कि असम के मूल निवासी दशकों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। मैं भारतीय पुलिस सेवा में रहा हूं और अपने इस सेवाकाल के दौरान मुझे असम के लोगों द्वारा घुसपैठियों के खिलाफ संघर्ष को करीब से देखने का मौका...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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