डाउन टू अर्थ, 09 फरवरी एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते नाइट्रोजन प्रदूषण के चलते अगले 26 वर्षों में दुनिया भर में पानी की भारी किल्लत हो सकती है। वैज्ञानिकों का अंदेशा है कि 2050 तक वैश्विक स्तर पर नदियों के एक तिहाई उप-बेसिनों को नाइट्रोजन प्रदूषण के चलते साफ पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने चेताया है कि पानी की यह कमी...
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भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं पर सवालिया निशान लगातीं नई कोयला खदानें
द थर्ड पोल, 09 फरवरी भारत के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने 9 दिसंबर को कॉप-28 के दौरान, उत्सर्जन कटौती में देश की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पेरिस समझौते के प्रति देश के “भरोसे और विश्वास” की पुष्टि की। लेकिन यह घोषणा महज तीन दिन पहले की गई एक अन्य घोषणा के उलट दिखाई देती है, जब कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि भारत, जीवाश्म...
More »मध्य प्रदेश: वन मित्र पोर्टल में उलझे वन ग्राम, नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्जा
डाउन टू अर्थ, 30 जनवरी “अपनी जमीन पर फसल लगाओ या जंगल से वनोपज लाओ, हमेशा कार्रवाई का डर लगा रहता है। न खाने को कुछ मिल रहा है और पीने को पीना। बिजली, सड़क तो दूर की बात है”। दनलू बैगा यह कहते-कहते निराश हो जाते है। दनलू मध्य प्रदेश के डिडौंरी जिले की फिटारी ग्राम पंचायत के लमोठा वनग्राम में एक हेक्टेयर (2.4711 एकड़) वनभूमि पर परिवार के आठ सदस्यों...
More »भारत की शिक्षा व्यवस्था पर 'असर' ने क्या असर डाला ?
औपचारिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए अधिकांश अभिभावक-गण अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। बच्चों के लिए स्कूल ढूँढते हैं, बस्ता खरीदते हैं, पेन- पेन्सिल, कॉपी-किताब खरीदते हैं, स्कूल की पोशाक खरीदते हैं। तमाम सरकारों की भी यही कोशिश रही कि बच्चे स्कूल जाएँ। सरकारों ने विद्यालयों का निर्माण करवाया, शिक्षकों की नियुक्ति की और ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। पिछले कई दशकों में ऐसे कई कदम उठाए गए...
More »धान की फसलों के लिए प्राकृतिक कीटनाशक हैं चमगादड़,असम में एक अध्ययन में आया सामने
मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी असम में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि चमगादड़ धान की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक हो सकते हैं। 2019 के साली (सर्दियों) चावल की किस्म पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि कीटभक्षी चमगादड़ कीटों को संख्या को बढ़ने नहीं देते और चावल की फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने में...
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