-न्यूजलॉन्ड्री, यह हमारी दुनिया के लिए करो या मरो जैसा क्षण है. वायरस और उसके नए प्रकारों और टीकाकरण के बीच एक दौड़ सी जारी है. नोवेल कोरोनावायरस जिस गति से म्यूटेट कर रहा है, उसका अर्थ है कि जब तक इस विश्व का हर एक आदमी सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा. डब्लूएचओ के अनुसार हमें लगभग 11 बिलियन खुराकों की जरूरत है और इन्हें सबसे...
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खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा , मक्का के लिए 20 रुपये और धान के समर्थन मूल्य में 72 रुपये की वृद्धि
-रूरल वॉइस, बुधवार 9 जून, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने कृषि उपज के सरकारी खरीद, सीजन 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को स्वीकृति दे दी है। खरीफ की सबसे मुख्य फसल धान के एमएसपी में 72 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी की गई है। नये सीजन के लिए धान की सामान्य किस्म...
More »आलेख : नृशंस साम्राज्य
-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
More »असलियत को कबूल नहीं कर रही मोदी सरकार और भारतीय राज्यसत्ता फिर से लड़खड़ा रही है
-द प्रिंट, क्या भारतीय राज्यसत्ता विफल हो चुकी है? समाचार पत्रिका ‘इंडिया टुडे ’ का ऐसा ही मानना है. लेकिन मैं इसका विनम्रतापूर्वक खंडन करना चाहूंगा क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह पत्रिका अपने आवरण पर इस आशय का शीर्षक न लगा पाती और मैं यह स्तंभ न लिख पाता. अगर ऐसा होता तो हम यह न जान पाते कि हम कितनी बुरी तरह विफल हो रहे हैं. जब तक किसी राष्ट्र का...
More »कुंभ 2021: क्या नेताओं के लिए ग्रहों की चाल आम ज़िंदगियों से ज़्यादा महत्वपूर्ण है
-द वायर, कुंभ मेला हर बारह साल पर होता है. हरिद्वार का पिछला कुंभ 2010 में हुआ था. हरिद्वार के वर्तमान कुंभ मेले की वास्तविक तारीख 2022 थी, 2021 नहीं. फिर इसकी तारीख को पूरे एक साल घटाकर इसका आयोजन उस जानलेवा साल में क्यों हुआ, जब भारत में कोविड की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही थी, और जब महामारियों के अध्ययन हमें बताते हैं कि संक्रमणों की दूसरी लहर हमेशा...
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