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क्यों चंपारण और खेड़ा के किसान आंदोलनों से बड़ा है मौजूदा किसान आंदोलन

-रूरल वॉइस, आज यानी 11 दिसंबर को गुरू ग्रंथ साहिब के पाठ और हवन के बाद किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगे मोर्चों से अपने घरों को वापसी करेंगे। 378 दिन चला किसान आंदोलन देश और दुनिया के इतिहास में एक ऐसा मुकाम बना चुका है जिसके दोहराये जाने की कल्पना अभी संभव नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जून, 2020 में अध्यादेशों के जरिये लाये गये तीन नये कृषि कानूनों के...

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किसान आंदोलन: दिल्ली से घर लौटे जत्थे, बरसाए गए विमान से फूल

-बीबीसी, संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित करने का एलान किया और क़रीब एक साल से राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जमे किसान शनिवार से घर लौटने लगे. सिंघू बॉर्डर और ग़ाजीपुर बॉर्डर समेत तमाम सीमाओं पर लगे किसानों के तंबू डेरे हटने लगे. घर लौटते किसानों के जत्थों की तस्वीरें भी कहानियां बयान कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते महीने तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने का एलान...

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लड़ाई जीत ली गयी है, आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है: संयुक्त किसान मोर्चा

-जनपथ, भारत सरकार ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा को एक औपचारिक पत्र भेजा जिसमें विरोध कर रहे किसानों की कई लंबित मांगों पर सहमति व्यक्त की गयी। इसके जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली सीमाओं पर राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर चल रहे विभिन्न मोर्चों को हटाने की औपचारिक घोषणा करता है। वर्तमान आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है,...

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इंटरव्यू/ राकेश टिकैत: 'किसानों की बाकी मांगों पर अपना रवैया स्पष्ट करे सरकार'

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उनकी बाकी मांगों पर सरकार अपना रवैया स्पष्ट करे” तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उनकी बाकी मांगों पर सरकार अपना रवैया स्पष्ट करे। टिकैत के अनुसार मोर्चा आगे आम जन के मुद्दे भी उठाएगा। उनसे बात की आउटलुक के एस.के. सिंह ने। मुख्य अंशः सरकार...

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MSP देने से देश दिवालिया नहीं होने वाला, बंद करें बहानेबाजी

-द प्रिंट, देश के शासक-वर्ग के सिर पर एक प्रेत मंडरा रहा है—एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रेत. बीते कुछ दिनों के भीतर इस शासक-वर्ग के अलग-अलग तबके, मतलब भारतीय जनता पार्टी के सियासी साथी, मुक्त-बाजार की पैरोकारी में लगे आर्थिक जगत के विचारक और पर्यावरण-प्रेम के नाम पर जेहादी तेवर दिखाने वाले कुछ योद्धा साठगांठ में लगे हैं. इन लोगों ने धूनी रमा ली है और मंत्र फूंक रहे...

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