गुजरात में हार्दिक पटेल का अचानक उदय कई मायनों में आश्चर्यजनक था. इसके आकलन के लिए कई सिद्धांत लगाये जा रहे हैं. अन्य राज्यों में भी अगर इस आंदोलन की प्रतिध्वनि उभर कर आती है, तो यह कुछ नये राजकीय समीकरणों की शुरुआत हो सकती है. अगर ऐसा न होकर यह बात गुजरात तक ही सीमित रहती है, तो भी इसके परिणाम राष्ट्रीय स्तर पर दिखेंगे. औद्योगीकरण में अगड़े...
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‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर
सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...
More »'सरदार सरोवर बांध विस्थापन व पुनर्निर्माण में घोटाला है व्यापमं पार्ट टू'
भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर ने आरोप लगाया कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के विस्थापन और पुनर्निमार्ण में बड़ा घोटाला हुआ है और यह व्यापमं पार्ट टू है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कई गांव डूब रहे हैं और हजारों लोगों को नुकसान हो रहा है लेकिन राज्य सरकार पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। मेधा पाटकर ने कहा कि परियोजना के डूब...
More »विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा
आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
More »पूत के पांव और सौ दिन सरकार के- योगेन्द्र यादव
"पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं" वाली कहावत सुनकर मैं अक्सर सोचता हूं कि पालने में नामुराद पांव ही क्यों देखे जाते हैं? शायद, इसलिए कि पांव देखने से पूत के चाल-चलन का पता चलता है। भान होता है कि पूत के पांव आगे किस ओर जाएंगे, कहां रूके-टिकेंगे और कहां फिसलेंगे। चूंकि नई सरकार और उसके मुखिया ने अभी बस सौ दिन पूरे किए हैं, सो उसके...
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