SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 675

दिल्ली-एनसीआर में क्यों धंस रही है जमीन?

डाउन टू अर्थ, 14 अगस्त “कापसहेड़ा की सभी आवासीय सोसायटी भूजल दोहन करती हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि इससे हमारी जमीन धंस जाएगी।” यह कहना है, भू-धंसाव से क्षुब्ध दक्षिण-पश्चिम दिल्ली की सूर्या विहार हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश गेरा का। उनकी सोसायटी इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बमुश्किल 10 किमी की दूरी पर है। 2014 में सोसायटी की पार्किंग के एक खंभे में दरार आ गई थी। 2019...

More »

खराब अपशिष्ट प्रबंधन की कीमत चुकाता नीलगिरी जिले का एक पहाड़ी शहर

मोंगाबे हिंदी, 28 जुलाई 38 साल की जयासुधा इसे अपना सौभाग्य मानती हैं कि 11 दिसंबर, 2020 की रात वह घर पर नहीं थीं। उस रात तमिल नाडू के नीलगिरी जिले के कोटागिरी शहर की एक आवासीय कॉलोनी, इंदिरा नगर में दो शावकों के साथ एक भालू उनके घर में घुस आया और वहां से कुछ खाने का समान लेकर चला गए। उन्होने बताया, “मैं और मेरी बेटियां एक सप्ताह तक...

More »

मॉनसून: 123 साल के इतिहास में जून 2023 में दक्षिणी भारत में हुई सबसे कम बारिश

देश के दक्षिणी प्रायद्वीप में जून 2023 में केवल 88 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1901 से लेकर अब तक के मौसमी इतिहास में सबसे कम रही। इससे पहले 1976 में 90.7 मिमी बारिश हुई थी। यह जानकारी 4 जुलाई 2023 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जून माह की क्लाइमेट समरी में दी गई है। आईएमडी के मुताबिक पूरे देश में दीर्घकालिक अवधि के औसत के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत कम...

More »

राजस्थान की अवांछित बेटियां: लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या

रूरल वॉयस, 22 मई भारत में कपास के उत्पादन में हाल के वर्षों के दौरान गिरावट आई है। यह गिरावट वर्ष 2015 से लगातार है। इस दौरान उत्पादन सालाना 400 लाख गांठ से घटकर 310 लाख गांठ रह गया है। कीटों का प्रभाव नए सिरे से बढ़ने और विपरीत जलवायु परिस्थितियों के कारण यील्ड नहीं बढ़ रही है। विश्व औसत कपास उत्पादकता 768 किलो प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत का राष्ट्रीय...

More »

चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या

डाउन टू अर्थ, 15 मई  भारत विश्व की 20 प्रतिशत पशुधन आबादी के साथ सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन के अनुसार, यहां के 70 प्रतिशत परिवार आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि एवं इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर हैं। पशुपालन आदि काल से ही मानव सभ्यता के साथ जुड़ा रहा है, परंतु पिछले कुछ सालों में चारे की बढ़ती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close