शुभम भटनागर, देवभोग। गरियाबंद जिले की यह सीट कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त है। इस बार सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से हो रही मौत का सिलसिला, नेशनल हाइवे का अधूरा निर्माण व बिजली चुनावी समर में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जिला प्रशासन की टीम सुपेबेड़ा में इलाज के लिए डटी हुई है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी बरकरार है। गांवों में खेतों को पानी नहीं मिल रहा...
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CG : सिंचाई, पेयजल व रोजगार की बांट जोह रही जनता
मनोज गुप्ता, प्रेम नगर, सरगुजा । अविभाजित सरगुजा की हाई प्रोफाइल सीट प्रेमनगर में दिखाने और बताने के लिए कई विकास के काम हुए हैं, लेकिन कृषि, सिंचाई, पेजयल और रोजगार के मामले में यहां के लोगों को कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का अभाव, स्वास्थ्य एवं सड़क की समस्या अब भी बनी हुई है। आगामी चुनाव में ये मुद्दे जरूर उठेंगे। जिला मुख्यालय सूरजपुर जिले...
More »इस तकनीक से खेती कर गरीबी दूर कर रहा कवर्धा का किसान
कवर्धा। किसान बजरहा ने अपने बाड़ी में कुआं क्या खुदवायां उससे उनकी तकदीर ही बदल गई। साल भर काम की तलाश में भटकने वाला यह किसान अब दूसरों को रोजगार देने लगा है। कुआं खुदवाने से उन्हें सिंचाई का साधन मिल गया है। धान का फसल लेने के बाद अब गर्मी में गेहूं का फसल लेता है और साग-सब्जियां की खेती भी करता है। उसे कुआं खुदवाने में सरकार की ओर...
More »पशुपालन से टूटता मोह--- रीता सिंह
यह चिंताजनक है कि कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती जा रही है। मवेशियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद से 1992 तक देश में मवेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में पशुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन उसके बाद इनकी...
More »पानी के प्रबंधन में बुनियादी बदलाव की दरकार, बने नेशनल वाटर कमीशन-- मिहिर शाह समिति
आजादी के बाद से अबतक बड़े और मंझोले आकार की सिंचाई परियोजनाओं में 4 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं लेकिन ज्यादातर किसानों के लिए अब भी सिंचाई का पानी मुहाल है. सूखे की मार झेलती देश की खेती से जुड़ी इस तल्ख सचाई की तरफ ध्यान दिलाया गया है पानी का प्रबंधन सुधारने के मसले पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में. रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग(सीड्ब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड के कामकाज...
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