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हर तरफ से टूट रहे तटबंध - प्रताप सोमवंशी

पानी के रास्ते में दजर्नों अड़ंगे हैं, इसलिए वह बांध तोड़ रहा है। बाढ़ के प्रबंधन में कुव्यवस्था और कमीशनखोरी इतनी है कि राज्य और केंद्र की योजनाओं में जगह-जगह पर रिसाव देखा जा सकता है। डूब क्षेत्रों में लगातार रिहाइश बढ़ती जा रही है। ऐसे में, बाढ़ और उससे होने वाली तबाही का संकट घटे तो कैसे? जून से सितंबर के बीच बाढ़ का शोर सुनाई पड़ता है। जैसे-जैसे...

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आपको प्लास्टिक खाना पसंद है?- मेनका गांधी

मछली खाने पर आपको क्या मिलता है? केमिकल! इंसानी मल! प्लास्टिक! सबसे पहले बात करते हैं प्लास्टिक की। ब्रिटेन के प्लाइमाउथ विश्वविद्यालय के मरीन पॉल्यूशन बोर्ड ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि इंग्लैंड के तट पर पाई जाने वाली एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक है। उत्तर सागर, अटलांटिक महासागर और ब्रिटेन के आसपास के पानी में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मछलियों के पेट में जा...

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गंगा जमुना में आंसू जल- पुष्परंजन

जनसत्ता 13 मार्च, 2013: जर्मनी का कोलोन शहर दो कारणों से पूरे यूरोप में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। एक, रोमन कैथलिक चर्च ‘डोम’ के कारण, और दूसरी वजह है राइन नदी। प्राकृतिक सौंदर्य के लिए राइन नदी पूरी दुनिया में बेमिसाल है। दस साल पहले कोलोन शहर में दिल्ली से एक मित्र का आना हुआ। रविवार का दिन था, छुट्टियां मनाने मित्र का परिवार राइन नदी के किनारे निकल...

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‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...

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मैली हो रही भगीरथी व अलकनंदा

उत्तकाशी/गोपेश्वर। उत्तराचल के अधिकांश नगरों को अब भी सीवर लाइन व सीवरेज प्लाट का इंतजार है। शासन का तमाम प्रस्ताव भेजे गए लेकिन बजट के अभाव में फाइलें धूल फाक रही हैं। नतीजतन, नालियों, पाइपलाइनों से होती हुई सीवर की गंदगी गंगा-भागीरथी, मंदाकिनी और सहायक नदियों में डाली जा रही है। तीर्थधाम बदरीनाथ में सीवर लाइनें सीधे अलकनंदा में खोली गई हैं। सरकारी लापरवाही से नगरों के नियोजित विकास तो बाधक है ही गंगा की...

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