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भास्कर इन्वेस्टिगेशन / जिस कंपनी ने सियाचिन में तैनात जवानों के लिए घटिया स्नो सूट सप्लाई किए, उसी को बार-बार मिला टेंडर, अब तक कोई कार्रवाई नहीं

-दैनिक भास्कर, दो जुलाई 2019 की बात है। ठीक एक साल पहले इलाहाबाद से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने इस दिन देश के रक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने सियाचिन में तैनात भारतीय जवानों को मिलने वाले कपड़ों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों का जिक्र किया था। साथ ही उन्होंने इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने की अपील रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की थी। भाजपा...

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“महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला”

-आउटलुक, पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों...

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दिल्ली : कोरोना वायरस से पीड़ित सेना के जवान ने आत्महत्या की

-सत्याग्रह,  दिल्ली के एक अस्पताल में मंगलवार को कोरोना वायरस से पीड़ित सेना के एक जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दिल्ली पुलिस के मुताबिक उसे मंगलवार सुबह करीब चार बजे सूचना मिली कि बेस अस्पताल में कोरोनो के किसी मरीज़ ने आत्महत्या कर ली है. पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि कोरोना वार्ड के पीछे एक पेड़ पर किसी ने रस्सी के जरिये फांसी लगायी है. मृतक जवान की...

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कोरोना महामारी के बीच क्या कश्मीर में बढ़ रहे हैं चरमपंथी हमले?

-बीबीसी, 3 मई 2020 को भारतीय सेना के एक कर्नल, मेजर और जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर समेत सुरक्षा बलों के पांच लोग एक मुठभेड़ में मारे गए. यह मुठभेड़ भारत प्रशासित कश्मीर के उत्तरी हिस्से में हंदवाड़ा में हुई जो कि कुपवाड़ा जिले में आता है. इस मुठभेड़ में दो चरमपंथी भी मारे गए. यह एनकाउंटर शनिवार दोपहर को शुरू हुआ था. पुलिस के बयान में कहा गया है कि...

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किसानों की मौत छिपाता और सैनिकों की मौत भुनाता दिखावटी राष्ट्रवाद- अनुराग मोदी

1965 में एक तरफ देश की सीमा पर पाकिस्तान के साथ युद्ध हो रहा था और दूसरी तरफ देश सूखे और अकाल के संकट से जूझ रहा था. ऐसे समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- ‘जय-जवान, जय-किसान.' आज पहले से ज्यादा किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है- कुछ नहीं बदला, बल्कि इतने बुरे हालात कभी नहीं रहे. सरकार की नीतियों ने उनकी समस्या और बढ़ा...

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