संयुक्त राष्ट्र ने कल मुझे ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड' से सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करके मैं बहुत अभिभूत हूं। मैं महसूस करता हूं कि यह पुरस्कार किसी व्यक्ति के लिए नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की स्वीकृति है, जिसने हमेशा प्रकृति के साथ सौहार्द बनाने पर बल दिया है। जलवायु परिवर्तन में भारत की सक्रिय भूमिका को मान्यता मिलना और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस व संयुक्त...
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उत्तराखंड सरकार द्वारा खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा गलत: कैग
देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा पिछले साल की गई, प्रदेश के खुले में शौच से मुक्त (ओएफडी) होने की घोषणा सही नहीं थी और भौतिक सत्यापन में कुल 1143 व्यक्तिगत शौचालयों में से 41 का निर्माण नहीं हो पाया जबकि 34 शौचालय निर्माणाधीन थे. यह तथ्य भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की नई रिपोर्ट में उजागर हुआ है. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि इस योजना में वित्तीय प्रबंधन भी अपर्याप्त...
More »साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर
पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
More »गुजरातः शौचालय बनाने में करोड़ों का भ्रष्टाचार, 19 के खिलाफ मामला दर्ज
अहमदाबाद। गुजरात में शौचालय घोटाला सामने आया है। नगरपालिका अधिकारियों और एनजीओ की सांठगांठ से 6752 शौचालय बनाने का ऑर्डर पास कराने के काम में ये फर्जीवाड़ा हुआ। अफसरों ने मौके पर तो केवल 3354 शौचालय बनवाए और फर्जी बिल पेश कर कुल 2.75 करोड़ का भ्रष्टाचार किया गया है। इस मामले में एन्टी करप्शन ब्यूरो अहमदाबाद ने ओखा नगरपालिका के चीफ आफिसर व सात संगठनों के पदाधिकारी सहित 19 लोगों...
More »ताकि अगली पीढ़ी को भी पानी मिले-- एम वेंकैया नायडू
ब्रिटिश कवि सैम्युअल टेलर कॉलरिज की कविता द राइम ऑफ द एनसिएंट मरीनर में एक पंक्ति है वाटर, वाटर एव्रीवेयर, नॉर एनी ड्रॉप टु ड्रिंक यानी पानी तो हर जगह है, पर एक बूंद भी पीने के काबिल नहीं। करीब दो सदी पहले इन शब्दों को रचते हुए सैम्युअल क्या आने वाले वर्षों की भविष्यवाणी कर रहे थे? क्या वह जाने-अनजाने उस जल संकट का कयास लगा रहे...
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