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कोरोना के इस वैश्विक संकट के समय आज गांधी होते, तो क्या करते?

-लल्लनटॉप, आज का वैश्विक संकट तिहरा है. कोविड महामारी, गहन व्यापक आर्थिक मंदी और मानव अस्तित्व को खतरे में डालने वाला पर्यावरण परिवर्तन. इन सबके अलावा, ऐसी परिस्थिति में राह दिखाने वाले राजनीतिक और नैतिक नेतृत्व का दुनियाभर में अभाव है. इसलिए उत्तर तो कहीं और ही ढूंढ़ना पड़ेगा! महात्मा गांधी के सामने यह चुनौती खड़ी होती, तो उन्होंने क्या किया होता? इसका जवाब कहां खोजा जाए? यह तो वे खुद...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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अपने मजबूत इरादों के साथ, शीला देवी जुडी हैं, गरीब आदिवासी बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में।

-विलेज स्कवायर, एक दिन की बात है, फील्ड में विजिट के दौरान एक महिला को लाठी के सहारे कंधे पर थैला लटकाये कहीं जाते देखा। उत्सुकतावश उनसे बात करने का मन किया। फिर देखा तो उन्हें बच्चों ने ”मैडम, मैडम” बोलते हुए घेर लिया। उन्हें ऊंचे स्थान पर बने एक मकान पर चढ़ने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी| फिर उन्होंने ऊपर बंधी घंटी बजायी । सभी बच्चे एक साथ लाईन...

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जहां यह जीत अतीत से जुड़ती है- महेश रंगराजन

साल 1971 के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री न सिर्फ अपने दम पर दूसरी बार सत्ता में लौटा है, बल्कि बहुमत में भी उसने इजाफा किया है। भारतीय जनता पार्टी इस बार 300 के पार जाकर ठहरी है, जबकि पिछले चुनाव में उसे 282 सीटें मिली थीं। इस एकतरफा जीत का संदेश किसी एक पार्टी या सत्तारूढ़ गठबंधन की विजय तक सीमित नहीं है। यह दरअसल राजनीतिक नेतृत्व के रूप,...

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चिंता मतदाता के अधिकार की- कमलेश जैन

भारतीय गणतंत्र की विशाल जनसंख्या को, चुनावों के दौरान एक स्वच्छ, जनता की मर्जी से चुनी हुई सरकार बनाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वर्षों से ऐसे फैसले दिए हैं, जो लगातार चुनाव प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रहे हैं। इसी शृंखला में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना ने निर्देश दिया है कि अब ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की ईमानदारी की जांच एक नहीं, बल्कि...

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