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एक सदी पुराने विवाद का निपटारा-- एम श्रीनिवासन

कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में 125 से भी अधिक वर्षों से विवाद चला आ रहा है। पिछले हफ्ते आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ अब यह झगड़ा खत्म होने के करीब दिख रहा है। लेकिन क्या यह हल स्थाई होगा? क्या यह फैसला देश के अन्य नदी जल विवादों में भी नजीर बनेगा? सुप्रीम कोर्ट का फैसला आंशिक रूप से ही इन सवालों के जवाब...

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स्थायी नौकरियों का मकड़जाल - मृणाल पांडे

बेरोजगारी फिलहाल देश की बड़ी चिंताओं में पहले पायदान पर है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि गत एक बरस में 18-25 की उम्र के 70 लाख युवाओं ने संगठित क्षेत्र में रोजगार पाया, इसका प्रमाण सरकारी बही में दर्ज कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) के 70 लाख नए खाते हैं। इस आशावादी घोषणा का आधार थी (विगत जनवरी में छपी आईआईएम के प्रोफेसर पुलक घोष व एक राष्ट्रीयकृत...

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इस वर्ष तीसरी तिमाही के दौरान स्टार्टअप्स में कम हुआ निवेश

केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से देशभर में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा अनेक उद्यमी अपने-अपने स्तरों पर स्टार्टअप्स को विस्तार देने के लिए विविध स्रोतों से निवेश हासिल कर रहे हैं.  हालांकि, स्टार्टअप्स द्वारा मुहैया करायी जानेवाले सेवाओं और प्रोडक्ट की ओर लोगों के रुझान में भी दिनों-दिन वृद्धि होती दिख रही है. लेकिन, ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि स्टार्टअप्स को हासिल होनेवाले...

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छत्तीसगढ़ में एक दशक में घट गए सवा फीसदी आदिवासी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले एक दशक में आदिवासियों की सवा फीसदी आबादी घट गई है। आदिवासी बाहुल राज्य में आदिवासियों की सबसे बड़ी चिंता आबादी के घटने को लेकर है। विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी नेता समाज की आबादी को बढ़ाने के लिए प्लानिंग करेंगे। आदिवासी नेता अरविंद नेताम, माकपा नेता संजय पराते, सोहन पोटाई, श्रवण मरकाम ने विश्व आदिवासी दिवस से पहले इस बात की चिंता जताई कि सरकार और...

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आरक्षण की आग में झुलसता समाज- नीरजा चौधरी

कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...

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