शिक्षकों की संख्या में भारी कमी शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार कर पाने में बड़ी बाधा है साथ ही शिक्षकों से पढ़ाई के अतिरिक्त लिया जा रहा काम उनके उत्साह को तोड़ने वाला एक बड़ा कारण। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े आधे से ज्यादा शिक्षक नहीं चाहते कि उन्हें जनगणना के काम, चुनाव कार्य या मिड डे मील जैसी गतिविधियों में लगाया जाय। योजना आयोग से संबद्ध प्रोग्राम इवैल्यूशन आर्गनाइजेशन की...
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Rethinking education
While the human resources development ministry is currently focused on weeding out poor-quality private education providers in the higher education space, a very different picture obtains as far as primary and secondary education is concerned. At a time when the government is almost certainly going to increase expenditure on the Sarva Shiksha Abhiyaan (SSA) and is still working on the costs of the Right to Education (RTE) Bill, the findings...
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खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।* • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...
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