देशभर में खैर का जंगल तेजी से सिमट रहा है और वन विभाग ने इसे दुर्लभ वृक्ष की श्रेणी में रखा है। राष्ट्रीय वन नीति 1988 में पेड़ों की प्रजातियों को संतुलित रूप से इस्तेमाल में लाने की बात कही गई है जिससे वे खत्म न हों।अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने वर्ष 2004 में विश्व में तकरीबन 552 पेड़ों की प्रजातियों को खतरे में माना गया जिसमें 45 प्रतिशत...
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वर्ष 2018 में 10,349 किसान एवं कृषि श्रमिकों ने की आत्महत्या : एनसीआरबी
लाख कोशिशों के बावजूद भी किसान और खेती से जुड़े लोगों की आत्हत्या रुक नहीं रही है। प्रतिकूल मौसम से फसलों पर मार पड़ने के साथ ही कृषि ऋण संकट या फिर अन्य कारणों से देश के हजारों किसान हर साल आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में कृषि क्षेत्र (कृषक और कृषि श्रमिक) से जुड़े कुल 10,349...
More »पर्यावरण की साथी स्त्रियां
पर्यावरण आंदोलन के उदय का मुख्य कारण पर्यावरणीय विनाश ही रहा है। आलोचकों का कहना है कि स्वाधीनता पाने के बाद से पश्चिमी अनुभव पर आधारित आर्थिक विकास के प्रतिमानों की नकल उतारने की वजह से भारत में प्राकृतिक संसाधनों पर संघर्ष तीव्र हुए। दूसरा, विकास योजनाओं का संसाधनों के सामाजिक पहलुओं से अनजान होना भी संसाधनों के शोषण और उस पर निर्भर लाखों ग्रामवासियों की बदहाली का कारण है।...
More »गंगा पर नया संकट, किसके पाले में सरकार
गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बनी गाइडलाइन के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम बांधों और बैराजों पर लागू होते हैं। नियमों के अनुसार, बांधों और बैराजों को गंगा की प्राकृतिक सफाई और जैव विविधता के लिए निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ना होगा। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम सितंबर 2018 में गंगा की सफाई और पुनरोद्धार के लिए उत्तरदायी निकाय नेशनल...
More »मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है
भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...
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