सर्वोच्च न्यायालय में एक दंपति के अधिकतम दो संतान पैदा करने से जुड़ी जनहित याचिका हो या फिर देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर निकल रही रैलियां, इन सबका एक मतलब तो यह निकलता ही है कि जनसंख्या नीति पर तुरंत कठोर निर्णय लेने का समय आ गया है। भारत में युवा शक्ति, युवा मस्तिष्क और युवा देश होने की बात जब नारों और जयकारों के बीच आती है, तो...
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यूनेस्को ने जताई आशंका, खत्म हो जाएंगी सात भाषाएं
दुनिया में बोली जाने वाली असंख्य भाषाओं में से सात ऐसी भाषाएं हैं जो खत्म होने के कगार पर पहुंच गई हैं। इनमें एक ऐसी भाषा भी है, जिसमें बेचने और खरीदने के लिए कोई शब्द ही नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से किए गए अध्ययन में आशंका जताई गई है कि कई ऐसी भाषाएं हैं, जिनका अस्तित्व अप्रत्याशित रूप से संकट में है। एक अनुमान के मुताबिक ईसा...
More »प्रसंगवश : संभावनाओं से भरे खेतों को बाजार से जोड़ना जरूरी
मौसम रूठा, बादलों से ओले बरसे और देखते ही देखते मध्यप्रदेश के एक हिस्से की फसलें जमीन पर जा गिरीं! यहां सरकार की मजबूरी समझी जा सकती है, लेकिन उसी दौरान दूसरे इलाके के खेतों में बंपर पैदावार की वजह से भाव नहीं मिले और किसान सड़कों पर टमाटर फेंकते, खेतों से पौधे उखाड़ते नजर आए! यह हर हाल में अस्वीकार होना चाहिए, किसान को भी और सरकार को भी!...
More »शहरीकरण के बढ़ते खतरे--- देवेंद्र जोशी
अनियोजित शहरीकरण आज किसी एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना...
More »भारत में जलमार्गों की आर्थिकी-- प्रवीर पांडे
अतीत में व्यापार और यात्री परिवहन के लिए नदियां एक समृद्ध माध्यम रहीं। लेकिन सड़क और रेलतंत्र के विकास के साथ ही नदी आधारित परिवहन पर ध्यान कम होने लगा। अब जब विकास और उन्नति के साथ ही पर्यावरण को बनाए रखने पर जोर है- परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग विकास पर भी ध्यान केंद्रित हो रहा है। गंगा-यमुना और देश की अन्य नदियों को पुनर्जीवित करने के साथ ही...
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