मुंबई.राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व मौजूदा केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख नए विवाद में फंस गए हैं। मामला लातूर के एक भूखंड का है। यह भूखंड मतिमंद बच्चों के स्कूल के लिए आरक्षित था पर जीवन विकास प्रतिष्ठान ट्रस्ट के अनुरोध पर श्री देशमुख ने भूखंड के व्यावसायिक इस्तेमाल की अनुमति दी। श्री देशमुख इस ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। 2006 में जब भूखंड के व्यावसायिक इस्तेमाल को हरी झंडी दी गई थी, उस...
More »SEARCH RESULT
महाघोटाले की 'जमीन'- शिरीष खरे(तहलका)
किस तरह जयपुर में 1500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े रसूख वालों की आवासीय कॉलोनी में बदलने के लिए एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम तोड़े गए. शिरीष खरे की रिपोर्ट जयपुर के पॉश इलाके से गुजरते हुए शहर को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है जेएलएन मार्ग. यहां जमीनों के भाव आसमान छूते हैं. यहीं गुलाबी शहर के सबसे कीमती इलाके जवाहर सर्किल से सटी है...
More »‘खुले में क्यों पड़ा है गेहूं?’
जबलपुर. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से पूछा है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं क्यों पड़ा है? चीफ जस्टिस एसआर आलम और जस्टिस आलोक अराधे की युगलपीठ ने मामले पर भारत सरकार और राज्य सरकार सहित चार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। पाटन तहसील के अंतर्गत कटंगी रोड निवासी अमित कुमार प्यासी की ओर से दायर...
More »मनरेगा में अनियमितताओं की सीबीआई करे जांच
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा के छह जिलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के कार्यान्वयन के लिए दी गई केंद्रीय राशि के उपयोग में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएच कापड़िया, न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की एक पीठ ने गुरुवार को सीबीआई को मनरेगा के कार्यान्वयन के लिए दी गई केंद्रीय राशि के...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
More »