रायपुर। छत्तीसगढ़ में औसत बारिश होने के बाद भी कई तहसीलों में सूखे की साया मंडरा रही है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल की आधी बोनी भी नहीं हुई है। जहां बोनी हुई है, वहां भी कम बारिश के कारण फसल चौपट होने की कगार पर है। अब किसानों को धान की रोपाई के लिए और अधिक बारिश का इंतजार है। कृषि विभाग ने किसानों को पंप के जरिए नदी-नालों,...
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पचास साल में बंजर हो जाएगी रीवा जिले की धरती!
रीवा। ब्यूरो। आने वाले पचास साल में जिले की उपजाऊ धरती बंजर हो सकती है। इस तथ्य का खुलासा हाल ही में प्रयोगशाला में हुई मिट्टी की जांच से हुआ है। जांच में पता चला है कि मिट्टी में जिंक की कमी के साथ लगातार नाइट्रोजन फॉसफोरस, पोटास की अधिकता बनी हुई है। मिट्टी जांच प्रयोगशाला के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी का दावा है कि इसी तरह यदि जिंक की...
More »तीन लाख हेक्टेयर फसल पर बारिश की मार
भोपाल। प्रदेश में करीब 10 दिनों में हुई तेज बारिश से जनजीवन के साथ ही फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सर्वे में तीन लाख हेक्टेयर खरीफ फसल (सोयाबीन, उड़द, मूंग आदि) प्रभावित हुई है। वहीं, 27 जिलों में 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में बोई गई फसल खराब हो गई। यहां दोबारा बोवनी करनी होगी। अतिवर्षा से फसलों के नुकसान का सर्वे कृषि विभाग...
More »सहेजना जरूरी है बरसात का पानी-- अतुल कनक
भारत कृषि प्रधान देश है। आज भी देश के किसानों का एक बड़ा वर्ग अपनी फसलों के लिए बादलों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देखता है। मानसून का अच्छा या बुरा होना, हमारी फसलों की पैदावार के अच्छे या बुरे होने को तय करता है। लेकिन बदली जीवन शैली में जिन लोगों का कृषि संबंधी गतिविधियों से सीधा सरोकार नहीं है, मानसून उनसे भी अपने यथोचित स्वागत की अपेक्षा...
More »बेईमान हुए बदरा, बिहार को छोड़ कर निकल गये ओड़िशा और छत्तीसगढ़
पटना : बिहार के लोगों को मॉनसून ने दोबारा से धोखा दे दिया है. मॉनसून अचानक से सोमवार की रात से बिहार छोड़ ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ की ओर शिफ्ट कर गया है. वहां लो प्रेशर का स्ट्रांग जोन बना हुआ और मॉनसून को अपनी ओर खींच रहा है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मॉनसून का यह बदला मिजाज एक जुलाई तक देखने को मिलेगा. उसके बाद ही अब...
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